ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 24 मार्च
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये गये भूमि सुधार कानून को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि दरअसल, हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में विभिन्न वर्गों को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दोहलीदार, बूटीमार, भोंडेमार और मुकरारीदार अधिनियम 2010 लागू किया था। अब इसकी संवैधानिक मान्यता को लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखते हुए उनके फैसले पर मुहर लगा दी है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी वर्गों के कल्याण के लिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान बनाए गए भूमि सुधार कानून पर हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। कांग्रेस के बनाए गए इस कानून को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की इसे लागू करने की शुरू से ही मंशा सही नहीं थी इसलिए संशोधन करती रही। यही वजह है कि कांग्रेस के फैसले को गरीबों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के हक में भाजपा सरकार लागू नहीं करवा पाई । हुड्डा ने हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय न्यायालय ने न सिर्फ इस कानून को वैधानिक करार दिया है बल्कि इसकी प्रशंसा भी की है। कोर्ट का कहना है कि कृषि सुधारों का उत्कृष्ट संवैधानिक उद्देश्य इस कानून के माध्यम से प्राप्त हुआ है। इसके उद्देश्यों और कारणों को पढ़ने से स्पष्ट हो जाता है कि इस कानून ने कृषि सामंतवाद की प्रथा को समाप्त किया। यह आवश्यक रूप से एक प्रशंसनीय कृषि सुधार है। हुड्डा ने कहा कि एक बार फिर जाहिर हो गया है कि कांग्रेस सरकार के फैसले जनहित में लिये गये थे।