विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 27 अप्रैल
गेहूं उत्पादन में आई कमी के कारण पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है तो साथ ही किसानों और सरकार के बीच फिर से तकरार शुरू हो गई है। तूड़ी के दाम अचानक अढाई से तीन गुणा हो जाने से संकट में फंसे गौशालाओं के संचालक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन ने तूड़ी व पशु चारा सीमावर्ती राज्यों में ले जाने पर प्रतिबंध लगाया दिया गया है। वहीं, किसानों ने भी साफ कह दिया है कि वह इन आदेशों को नहीं मानेंगे। जिले में जुण्डला स्थित श्री कृष्ण गोपाल गौशाला के संचालक गोपाल स्वामी, कुंजपुरा स्थित बाबा रामदास गौशाला के संचालक स्वामी सम्पूर्णानंद तथा फूसगढ़ स्थित बाबा बंसी वाला गौशाला धाम के संचालक राजेश बसंल ने बताया कि इस बार गौशालाओं में तूड़ी की कमी हुई है।
बीते वर्ष एक क्विंटल तूड़ी 250 से 300 रुपये में मिल गई थी, इस बार इसका रेट 700 रुपये तक बढ़ गया है। गौशालाओं के पास जितने फंड थे, वह सभी तूड़ी की खरीद में लगा दिए हैं, लेकिन गौशालाओं में वार्षिक क्षमता के हिसाब से तूड़ी स्टॉक नहीं हो पाई है।
प्रशासन गंभीर, जल्द होगा समाधान
उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि चारे की कमी को लेकर बातें सुनी जा रही हैं। इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इससे निपटने के लिए इसका अध्ययन कर रहे हैं और क्या समाधान है, उस पर प्रशासन पूरी तरह से गम्भीर है। करनाल जिला से तूड़ी बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है और इस पर जांच भी बढ़ाएंगे।