शिक्षकों और विभाग में टकराव बढ़ा, अब सड़क पर उतरेंगे अध्यापक
बैठक की अध्यक्षता सेकेंडरी शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार ने की, जिसमें हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पदाधिकारी शामिल हुए। अध्यापक संघ ने शहरी क्षेत्रों में आबादी बढ़ने के बावजूद नए स्कूल न खुलने, छठी कक्षा के आधे बच्चों को अब तक किताबें न मिलने और स्कूलों में सफाई कर्मियों की कमी जैसे मुद्दे उठाए। उनका कहना है कि अधिकारियों का रवैया बेहद सख्त रहा। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, विभाग ने यहां तक कह दिया कि बच्चों की नहीं, शिक्षकों की बात करें।
संघ की प्रमुख मांग थी कि चिराग योजना को तत्काल बंद किया जाए और शिक्षकों पर थोपे गए ऑनलाइन डायरी सिस्टम को वापस लिया जाए। मगर विभाग ने दोनों मांगों को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा गया कि यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए आवश्यक हैं। बैठक में जेबीटी व सीएंडवी शिक्षकों की अंतर-जिला ट्रांसफर पॉलिसी, कंप्यूटर टीचर और लैब असिस्टेंट के नियमितीकरण तथा गेस्ट टीचर के वेतनमान जैसे मुद्दे भी उठे।
विभाग ने इनमें से कुछ पर विचाराधीन कहकर टाल दिया, जबकि डीईईओ (मौलिक) पदोन्नति सूची और एसएमसी मर्जर पर संघ का विरोध दर्ज हुआ। विभाग ने कहा कि शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी एक सप्ताह में जारी की जाएगी और 105 दिन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि हजारों ‘केप्ट’ पद पहले की तरह बंद रहेंगे। वहीं, एचटेट पासिंग को लेकर सख्ती बरकरार रहेगी, जो शिक्षक तय समय सीमा में एचटेट पास नहीं करेंगे, उन्हें सेवा से बाहर माना जाएगा। सिर्फ पांच साल से कम सेवा वालों को अस्थायी राहत दी जाएगी, वह भी पदोन्नति के बिना।
