विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 3 जुलाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को यहां कहा कि सरकार से वार्ता करना आंदोलनकारी किसानों की इच्छा पर निर्भर है, लेकिन कोई सशर्त वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को पहले भी वार्ता के लिए बुलाया है और आगे भी बुलायेंगे, लेकिन अगर वे कृषि कानूनों को वापस लेने की शर्त पर वार्ता करना चाहते हैं तो ऐसा संभव नहीं है। मुख्यमंत्री यहां भाजपा की जिला स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले सात महीने से किसानों के नाम पर आंदोलन चलाया जा रहा है। सभी किसान हमारे साथी हैं, किसान नाम पवित्रता का है। हमने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि वे अपनी सीमा में रहकर ही विरोध प्रदर्शन करें, हिंसात्मक प्रदर्शन को कोई मंजूर नहीं करेगा। किसान नेताओं ने इस बात को माना भी था कि वे शांतिपूर्ण अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। लेकिन फिर भी कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी सरकार ने किसानों से प्यार किया है और प्यार करते रहेंगे जबकि दूसरी सरकारों ने किसानों पर कई बार गोलियां चलाई हैं, हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में कार्यकर्ताओं की अनदेखी न पहले थी, न आगे रहेगी, किसी भी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं का अहम योगदान होता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। करीब 17 कार्यकर्ताओं ने सीएम से बातचीत की। कई कार्यकर्ताओं ने संगठन की मजबूती के लिए भी अपने सुझाव रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के हर व्यक्ति का ध्यान रखा जा रहा है, पहली सरकारों की तरह जाति, धर्म के नाम पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। हर हरियाणवी हमारा है, उसकी उन्नति करना हमारा धर्म है। इस मौके पर सांसद संजय भाटिया भाजपा प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, प्रभारी दीपक शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, मेयर रेनू बाला गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला, सहित जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।
सांसद दीपेंद्र, किसान नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
करनाल भाजपा की जिला स्तरीय बैठक के दौरान सीएम की मौजूदगी में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा एवं भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें कहा गया िक दोनों का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वे किसानों के नाम पर राजनीित कर रहे हैं।
किसानों ने किया विरोध, खंडा चौक पर लगाया तिरंगा
करनाल में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम से पहले कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री को यहां रेलवे रोड पर स्थित बैंक्वेट हाॅल में भाजपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक में आना था। इस बैठक में सीएम का आगमन गुपचुप तरीके से रखा गया था। लेकिन किसानों को इसकी भनक लग गई। कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर जुटे किसानों ने खंडा चौक पर लगाये गये भाजपा के झंडों को उतारकर तिरंगा झंडा लगाया तो पुलिस ने किसान नेता मनदीप सिंह बब्बर और उनके साथी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी किसान उनकी रिहाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये। किसान नेता जगदीप सिंह औलख ने कहा कि निशान साहब के साथ लगे भाजपा के झंडे को उतारकर तिरंगा लगाया गया है, यह कोई गुनाह नहीं है। पुलिस ने तिरंगा लगाने का विरोध करके तिरंगे का अपमान किया है। इसके बाद जब बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचने लगे तो पुलिस ने दोनों किसान नेताओं को रिहा कर दिया।