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फर्जी बिलिंग व गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट की एप पर होंगी शिकायतें

मुख्यमंत्री ने लांच की कर प्रणाली को पारदर्शी व कुशल बनाने वाली बड़ी डिजिटल पहलें

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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को आबकारी एवं कराधान विभाग की दो अहम डिजिटल पहलों - ‘कर हितैषी’ मोबाइल ऐप और 6 नई ऑनलाइन आबकारी सेवाओं का शुभारंभ किया। इन पहलों का उद्देश्य कर प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना, समयबद्ध सेवाएँ उपलब्ध कराना और राजस्व प्रबंधन को और मजबूत बनाना है।

मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा तैयार किए गए ‘कर हितैषी’ मोबाइल ऐप को लॉन्च करते हुए कहा कि यह नागरिकों को कर प्रणाली में सहभागिता के लिए सशक्त बनाएगा।बैठक में मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड़, आबकारी एवं कराधान आयुक्त विनय प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक फर्जी बिलिंग, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट, बिल न देना या बिना पंजीकरण कारोबार जैसी गड़बड़ियों की सूचना दे सकेगा।शिकायतकर्ता फोटो, वीडियो और दस्तावेजों के साथ जानकारी अपलोड कर सकता है। अहम बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रहेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे स्वैच्छिक रिपोर्टिंग को बढ़ावा मिलेगा और जीएसटी प्रशासन अधिक पारदर्शी बनेगा।

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मुख्यमंत्री ने एथेनॉल, अतिरिक्त अल्कोहल (ईएनए) और डिनेचर्ड स्प्रिट से संबंधित छह ऑनलाइन अनुमतियों का शुभारंभ भी किया। अब उद्योगों को आयात-निर्यात की अनुमति पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सभी आवेदन ऑनलाइन होंगे और वास्तविक समय में स्थिति की जानकारी मिलेगी। डिजिटल साइन वाली परमिट की डाउनलोड सुविधा मिलेगी और कागजी कार्यवाही में कमी और दुरुपयोग पर रोक लगेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ब्रांड लेबल पंजीकरण व लाइसेंसिंग मॉड्यूल को भी जल्द ऑनलाइन किया जाए, ताकि विभाग पूरी तरह तकनीक आधारित बन सके।

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जीएसटी संग्रह में हरियाणा देश में अव्वल

समीक्षा बैठक में विभाग ने बताया कि हरियाणा ने पूरे देश में नेट एसजीएसटी संग्रह में सर्वाधिक 21 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है, जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 6 प्रतिशत है। नवंबर 2025 में नेट एसजीएसटी संग्रह 3,835 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष से 17 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक कुल जीएसटी संग्रह 83,606 करोड़ हो चुका है। इसमें भी 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हरियाणा की राष्ट्रीय रैंकिंग सुधरकर चौथे स्थान पर पहुंची है। राज्य में जीएसटी पंजीकृत करदाता 6,03,389 हैं, जिनमें 2018 से 2025 के बीच औसतन 6.11 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।

वैट और सीएसटी की बेहतर वसूली

मुख्यमंत्री ने वैट और सीएसटी संग्रह की समीक्षा करते हुए विभाग को कड़ाई व पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश दिए। हरियाणा में वैट पेट्रोल, डीज़ल, शराब, एलपीजी, सीएनजी व सीएसटी CST वस्तुओं पर लागू है। वर्ष 2025-26 में नवंबर तक वैट वसूली में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई। ओटीएस (वन टाइम सैटलमेंट) स्कीम-2025 की वजह से सीएसटी संग्रह में 61 प्रतिशत वृद्धि हुई। योजना समाप्त होने के बाद अक्तूबर-नवंबर में 48.12 करोड़ की अतिरिक्त वसूली हुई।

आबकारी राजस्व में भी मजबूत इजाफा

वर्ष 2025-26 में 30 नवंबर 2025 तक राज्य का कुल आबकारी राजस्व 9,370.28 करोड़ रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 8,629.46 करोड़ था। विभाग ने लाइसेंस शुल्क, आबकारी शुल्क, बॉटलिंग, आयात-निर्यात शुल्क और वैट से संबंधित विस्तृत जिलावार वसूली प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने कम संग्रह वाले जिलों में निगरानी और निरीक्षण तेज करने के निर्देश दिए। विभाग ने बताया कि उसने कई आधुनिक डिजिटल सिस्टम लागू किए हैं। इसके तहत क्यूआर आधारित ट्रैक एंड ट्रेस, होलोग्राम सत्यापन, मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों पर एएनपीआर कैमरे और बूम बैरियर, डिस्टिलरी में टेलीमेट्री आधारित वास्तविक समय मॉनिटरिंग तथा *ऑनलाइन लाइसेंसिंग मॉड्यूल शामिल हैं।

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