चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृषि क्षेत्र निवेशकों एवं किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के बीच समझौता हस्ताक्षर समारोह को संबोधित किया और कहा कि किसानों के लिए यह सुनहरा कार्यक्रम है जिसमें किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से सीधे लाभ देने के लिए 29 समझौते किए गए हैं। इनमें चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार से जुड़ा हुआ एमओयू भी शामिल है जिसके तहत कृषि विद्यार्थी इन्टर्नशिप भी कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसे कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने में कारगर भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग में आगे आने वाली कंपनियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि अब खरीदारों को भी लाभ मिलेगा और बाजार में कीमतें भी कम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा एफपीओ के गठन में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। एफपीओ किसानों के उत्पादन, बिक्री, गुणवत्ता, पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि में सुधार करेंगे।
एफपीओ का उद्देश्य किसानों को एकत्रित करके उनके उत्पादन का उनको अधिक से अधिक मूल्य प्रदान कराना है।
फल, सब्जियां, मसाले व शहद सीधे खरीदेंगी कंपनियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ये कंपनियां प्रदेश के एफपीओ को सीधे बाजार से जोड़ेंगी। उन्हें अपने उत्पाद मंडी व अन्य स्थानों पर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कंपनियां सीधे खेत से फल, सब्जियां व शहद की खरीद करेगी, ताकि किसान उत्पादक संगठनों को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके जिसके तहत एफपीओ. को भी अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल पाएगा। एफपीओ का सीधे कंपनियों से संपर्क होने के कारण एफपीओ से फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी एवं प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन से आय में बढ़ोतरी होगी और भविष्य में विपणन की योजनाओं पर बल दिया जाएगा।
60 हजार टन बागवानी फसलें खरीदी जाएंगी
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि एमओयू हस्ताक्षर होने से एफपीओ को कंपनियों से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। एमओयू के तहत 60 हजार टन बागवानी फसलें खरीदी जाएंगी। ये एमओयू किसानों की प्रगति को नई दिशा की ओर ले जाएंगे तथा ऐसी मार्केटिंग से किसान खुशहाल और समृद्ध होगें। उन्होंने कहा कि राज्य में 599 एफपीओ का गठन हो चुका है और इन किसान उत्पादक कंपनियों के साथ 77,985 से भी अधिक किसानों को जोड़ा जा चुका है। नई एफपीओ नीति के अंतर्गत वर्ष-2022 तक एफपीओ गठन के लक्ष्य को 1000 तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेगें। इन संगठनों से प्रदेश के 16 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा।