मीरी-पीरी मेडिकल कॉलेज की सेवा अगले साल जुलाई से संभालेगी कमेटी : झींडा
कुरुक्षेत्र/पिपली, 21 जून (हप्र/निस)
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के अधीन चल रहे मीरी-पीरी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की सेवा संभाल हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी अगले साल जुलाई माह से लेगी। इस बाबत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करके विचार-विमर्श करते हुए सरकार के सहयोग की अपील भी की गई है। यह जानकारी एचएसजीएमसी के प्रधान जत्थेदार झींडा ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। उनके साथ वरिष्ठ उपप्रधान गुरमीत सिंह, कनिष्ठ उपप्रधान गुरबीर सिंह, महासचिव हरजीत सिंह, संयुक्त सचिव बलविंदर सिंह भिंडर, कार्यकारिणी समिति सदस्य कुलदीप सिंह मुलतानी, करनैल सिंह निमनाबाद, तजिंदरपाल सिंह नारनौल, रूपिंदर सिंह, जगतार सिंह मान व पलविंदर सिंह, जसविंदर सिंह दीनपुर, सरबजीत सिंह जम्मू, राजपाल सिंह दुनियामाजरा, नरेंद्र सिंह, रूपिंदर सिंह व अमरिंदर सिंह मौजूद रहे।
जत्थेदार झींडा ने कहा कि मीरी-पीरी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की सेवा संभाल अपने हाथ में लेकर जुलाई 2026 में कॉलेज का सेशन शुरू करने, जींद में 250 एकड़ भूमि पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब सिख वर्ल्ड यूनिवर्सिटी बनाने के साथ-साथ जींद में ही 100 एकड़ भूमि में माता गुजर कौर जी महिला विश्वविद्यालय बनाने, ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं नाडा साहिब पंचकूला के साथ लगती 5 एकड़ भूमि गुरु घर को दिलाने, गुरुद्वारा नाडा साहिब परिसर से गुजर रही हाईटेंशन पावर लाइन की तारों बाहर करने या फिर भूमिगत करने तथा देश के प्रसिद्ध अदानी या फिर टाटा ग्रुप से प्रदेश के सभी गुरुद्वारा साहिबान में निशुल्क सोलर सिस्टम की सेवा करवाने के मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें इन सभी मुद्दों पर पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
उन्होंने बताया कि मीरी पीरी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चलाने के लिए एसजीपीसी ने 50 करोड़ का लोन लिया हुआ है, अपने पास से एसजीपीसी कोई पैसा नहीं खर्च कर रही। अस्पताल चलाने, मेडिकल कॉलेज बनाने और हाॅस्टल बनाने के लिए 45 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट एक्ट 2014 में यह स्पष्ट है कि प्रदेश में सारी चल-अचल संपत्ति, ट्रस्ट व अन्य संपत्ति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की है, वह हरियाणा कमेटी की होगी। इसके लिए एसजीपीसी को हरियाणा कमेटी का सहयोग करना चाहिए।