चंडीगढ़, 7 जुलाई (ट्रिन्यू)
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एमएसपी पर कमेटी न बनाकर सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा सरकार का ध्येय चंद बड़े औद्योगिक घरानों का पोषण और किसान-मजदूर का शोषण बन गया है। उन्होंने 50 साल बाद देश में आए अनाज संकट के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आज देश में एमएसपी व्यवस्था और पीडीएस प्रणाली में जो चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी हैं, वे भाजपा सरकार के इसी ध्येय का नतीजा है। वे बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों से राष्ट्र-सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, किसान की आय सुरक्षा खतरे में दिख रही है। इस सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर राष्ट्र-सुरक्षा से, निजी निर्यातकों को गेहूं निर्यात की छूट दे खाद्य सुरक्षा से और एमएसपी में छेड़छाड़ कर किसान की आय सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया है। सांसद ने कहा, 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने और एमएसपी कमेटी गठित करने, संयुक्त किसान मोर्चा से समझौते के मामले में तो सरकार ने धोखा दिया ही, किसान से विश्वासघात में जो थोड़ी बहुत कसर बाकी रह गयी थी वो नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिए बयान ने पूरी कर दी।
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से मांग की कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ हुए समझौते के मुताबिक तुरंत एमएसपी कमेटी का गठन हो और सरकार मौजूदा अनाज संकट के संबंध में खरीद, पीडीएस, गेहूं निर्यात पर श्वेत-पत्र जारी कर बताए कि किस-किस को मुनाफा पहुंचा।
मोर्चा करेगा विश्वासघात सेमिनार आयोजित
दीपेंद्र ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 18 से 31 जुलाई तक पूरे देश में विश्वासघात सेमिनार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी का पूर्ण नैतिक समर्थन विश्वासघात सेमिनार के साथ ही किसान और किसान आंदोलन को रहेगा। सांसद ने नीति आयोग के सदस्य द्वारा एमएसपी की कानूनी गारंटी देने पर बाजार बर्बाद होने से संबंधित बयान की निंदा करते हुए कहा, इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार एमएसपी व्यवस्था से पीछे हटने और निजी खरीद की तरफ आगे बढ़ने की तरफ कदम बढ़ा रही है।