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ब्रह्मसरोवर के तट पर दिखे लोक संस्कृति के रंग

कुरुक्षेत्र, 8 दिसंबर (हप्र) अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्मसरोवर के तट पर शुक्रवार को विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिले। इससे पर्यटकों का दिल गुलजार हो गया। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र (एनजैडसीसी)...

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कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 8 दिसंबर (हप्र)

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्मसरोवर के तट पर शुक्रवार को विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिले। इससे पर्यटकों का दिल गुलजार हो गया। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र (एनजैडसीसी) की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकार यहां पहुंच चुके हैं। कलाकार 24 दिसंबर तक अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। कलाकारों का कहना है कि आज के आधुनिक जमाने में भी उन्होंने अपनी कला को जिंदा रखा है, कला के माध्यम से ही आज वह भी जिंदा है और अपनी कला को विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। एनजेडसीसी के अधिकारी भूपिंद्र सिंह ने बताया कि महोत्सव में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के कलाकार लोक नृत्य के माध्यम से अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने का काम कर रहे है। ब्रहमसरोवर के पावन तट पर गीता महाआरती का आयोजन किया गया। ब्रहमसरोवर की फिजा को शंखों व वाद्य यंत्रों से निकली धुनों ने जहां पूरे वातावरण में भक्तिरस भर दिया।

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