चंडीगढ़, 14 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने बार-बार यह साबित किया है कि उसे किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए न तो इस सरकार ने अपने स्तर पर आज तक किसान हित का कोई फैसला लिया और न ही कभी केंद्र सरकार से ऐसी कोई मांग की। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने कहा है कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान एमएसपी में बढ़ोतरी का ऐलान किया था।
इसलिए धान उत्पादक 14 राज्यों ने एमएसपी में इस बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए केंद्र सरकार से और बढ़ोतरी की मांग की है। लेकिन हैरत की बात है की धान के बड़े उत्पादक हरियाणा की सरकार ने केंद्र से ऐसी कोई सिफारिश नहीं की। मंगलवार को यहां से जारी बयान में हुड्डा ने कहा कि तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने करीब 4500 प्रति क्विंटल एमएसपी की मांग की है। ऐसे में हरियाणा की गठबंधन सरकार को भी पंजाब सरकार की तरह 3085 प्रति क्विंटल की सिफारिश करनी चाहिए थी। हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा किया था। लेकिन पहले रबी और अब खरीफ सीजन के लिए हुए एमएसपी ऐलान से स्पष्ट हो गया है कि डबल आए का वादा सिर्फ एक जुमला था।