यमुनानगर, 3 अगस्त (हप्र)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 3 वर्ष पहले मुसिंबल गांव से बाल छप्पर गांव की 2 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की घोषणा की थी। नाबार्ड ने 60 लाख का ऋण भी दे दिया। परियोजना की कुल लागत 70 लाख बताई गई। परियोजना को शुरू करने की तारीख 26 मार्च 2019 रखी गई। इन सब को लेकर परियोजना का एक साइन बोर्ड भी मौके पर लगा दिया गया। यह सब तो इस बोर्ड पर लिखा है लेकिन कार्य पूरा होने की तारीख नहीं लिखी गई। ठेकेदारों, अधिकारियों, नेताओं को यह पता ही नहीं था कि यह सड़क पूरी भी होगी या नहीं। काम शुरू होने की और काम समाप्त होने की तारीख लिखना अनिवार्य है, लेकिन इस बोर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है। यह सड़क दर्जनों गांवों को एक दूसरे से जोड़ती है। इसी सड़क से विभिन्न गांवों के बच्चे स्कूल आते-जाते हैं। वर्षा के दिनों में यह सड़क कीचड़ से भर जाती है। बच्चों का स्कूल पहुंचना संभव नहीं होता। मुसिंबल गांव के पूर्व सरपंच हवा सिंह, 75 वर्षीय सरदार सुरजीत सिंह, इसी इलाके के छात्र मयंक शर्मा का कहना है कि हरियाणा कृषि विपणन मंडल यमुनानगर ने बोर्ड लगाकर ही शायद अपना कार्य पूरा समझ लिया है। इस संबंध में हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल के उपमंडल अधिकारी अंकित शर्मा का कहना है कि सड़क बनाने का ठेका अलाट हुआ है। सड़क निर्माण में देरी के चलते अब ठेकेदार पर क्लास 2 व क्लास 3 लगा दी गई है। अगर 3 महीने में वह कार्य पूरा नहीं करता तो उसका टेंडर कैंसिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।