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सीएम फ्लाइंग को 12 कर्मचारी मिले गैरहाजिर

सोनीपत, 5 अक्तूबर (हप्र) एसडीएम कार्यालय में बृहस्पतिवार को सीएम फ्लाइंग की टीम की छापामार कार्रवाई में 12 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। डीएल और आरसी की फाइलों का अंबार देकर टीम के अधिकारियों ने डीएल और आरसी के 5-5 आवदेकों से...

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सोनीपत, 5 अक्तूबर (हप्र)

एसडीएम कार्यालय में बृहस्पतिवार को सीएम फ्लाइंग की टीम की छापामार कार्रवाई में 12 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। डीएल और आरसी की फाइलों का अंबार देकर टीम के अधिकारियों ने डीएल और आरसी के 5-5 आवदेकों से फोन पर बातचीत करते हुए उनसे पूछा कि उन्होंने फाइल कब जमा कराई, खुद जमा कराई थी या दलाल के जरिये जमा कराई थी।

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इसके बाद रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दी गई। सोनीपत के एसडीएम कार्यालय में मई से लेकर अगस्त तक वाहनों की आरसी और डील बनाने का कार्य बाधित रहा। उन दिनों जिलेभर के क्लर्क वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर 48 दिन तक हड़ताल पर थे। इस दौरान फाइलों का ढ़ेर लगता गया।

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इसके बाद राकेश संधू का तबादला हो गया, गन्नौर के एसडीएम डॉ. निर्मल नागर को सोनीपत का एसडीएम लगाया गया। इसके 10 दिन बाद ही उन्हें दोबारा से गन्नौर का एसडीएम बनाते हुए उनका तबादला कर दिया गया। अमित कुमार को सोनीपत का नया एसडीएम बनाया गया। तब तक साढ़े चार हजार से अधिक फाइलें लंबित थी। उन्होंने कर्मचारियों की बैठक लेकर प्राथमिकता से फाइलें निपटाने के आदेश दिए थे। बृहस्पतिवार को सुबह नौ बजे सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एएसआई राजेश, महाबीर सिंह, सतनारायण की टीम ने एसडीएम कार्यालय में छापा मारा। टीम ने हाजरी रजिस्टर को कब्जे में ले लिया। सुबह 9:20 मिनट तक 12 कर्मचारी गैरहाजिर गैरहाजिर मिले। इनमें डीएलसी प्रियंका, एमआरसी नवीन कुमार, बिल क्लर्क संदीप, चपरासी विक्रम, जूनियर प्रोग्रामर जगपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर रमेश, सुनील, शंकर, अखिल, विजय, रेखा व पिंकी समय से ऑफिस नहीं पहुंचे। इस पर टीम ने रिपोर्ट बनाकर एसडीएम अमित कुमार के साइन करवाकर मुख्यालय को भेजी दी। सीएम फ्लाइंग टीम की जांच में सामने आया है कि आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस डाक से भेजने में कोताही बरती गई है।

सितंबर में बने 1243 ड्राइविंग लाइसेंस में से 350 ही डाक से भेजे गए। वहीं 3162 आरसी में से भी 471 पोस्ट से भेजी गई। सितंबर महीने की 2691 आरसी डाक से नहीं भेजी गई। मुख्यमंत्री टीम को अंदेशा है कि वाहनों की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस को डाक के माध्यम से न भेजकर लोगों को सीधे उपलब्ध कराने का अंदेशा है। जिससे दलाल गिरोह सक्रिय रहते हैं।

दलालों की सक्रियता की जांच की

इसके बाद टीम ने दिनभर आरसी और डीएल की फाइलों की जांच की। टीम में शामिल एक अधिकारी ने डीएल की फाइलों के ढ़ेर में से पांच फाइलें निकाली और दूसरे ने आरसी की फाइलों के ढ़ेर से पांच फाइलें। उनके में दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन कर आवेदकों से पूछताछ की।

वाहन पोर्टल की सुविधा का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने की शिकायत मिली थी। जिस पर जांच कराई गई। इसमें अनियमितता मिली है।

-अजीत सिंह, डीएसपी सीएम फ्लाइंग

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