तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 15 मई
गांव माजरा में बनने वाले एम्स को लेकर बने संशय को जिला प्रशासन ने एक बार फिर दूर करते हुए कहा है कि इसकी निर्माण प्रक्रिया सभी पहलुओं का समाधान करते हुए अंतिम दौर में पहुंच गई है। मई माह के अंतिम सप्ताह में ही प्रस्तावित एम्स निर्माण स्थल की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू करते हुए लोगों को धनराशि प्रदान कर दी जाएगी। यह जानकारी डीसी अशोक कुमार गर्ग ने दी। उन्होंने अवकाश के दिन रविवार को एम्स निर्माण सहयोग समिति सहित संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की।
गौरतलब है कि दैनिक ट्रिब्यून के रविवार के अंक में एम्स निर्माण के इस मुद्दे को उठाया गया। एम्स बनाओ संघर्ष समिति ने एम्स के निर्माण में लगातार आ रही रुकावटों को लेकर 16 मई को कुंड में समिति की बैठक बुलाई है और चेतावनी दी है कि यदि एम्स के लिए दी गई जमीनों की रजिस्ट्री व मुआवजा शीघ्र नहीं दिया गया तो लंबे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। यह चेतावनी तब दी गई, जब एफसीआर के हवाले से एम्स के लिए 50 एकड़ जमीन और मांगी गई। समिति के प्रधान श्योताज सिंह व प्रवक्ता राजेंद्र सिंह ने कहा कि एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन दी जा चुकी है। अब 50 एकड़ जमीन और दिए जाने की बात कहकर इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालने की चाल है। इस चेतावनी के बाद प्रशासन व सरकार ने सक्रियता दिखाई। जिसका असर यह हुआ कि रविवार को ही डीसी ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं एम्स प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर हैं और वे स्वयं इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हाल ही में इस संबंध में उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर एम्स निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं।

राजस्थान के लोगों को भी होगा फायदा : डीसी के साथ हुई बैठक के बाद दी माजरा कोऑपरेटिव सोसायटी के प्रधान जगदीश सिंह का कहना है कि उन्हें अब उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के दखल के बाद एम्स निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी। उन्होंने कहा कि एम्स के निर्माण से राजस्थान के नीमराना, बहरोड़, झूंझूनू व हरियाणा के नारनौल, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर सहित माजरा के आस-पास के क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में लाभान्वित होंगे।