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यमुना की सफाई... हरियाणा-दिल्ली का साझा मोर्चा

चुनावों में आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब प्रदूषण से मिलकर लड़ेंगे दोनों राज्य
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नयी दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात करते सीएम नायब सिंह सैनी। -ट्रिब्यून फोटो
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दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान यमुना की गंदगी सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनी थी। तब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच यमुना प्रदूषण को लेकर तीखी बयानबाज़ी हुई थी। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। दिल्ली में रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद पहली बार हरियाणा और दिल्ली ने मिलकर नदी की सफाई की साझा राह पर कदम बढ़ाए हैं।

नयी दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह तय हुआ कि यमुना की सफाई और पुनर्जीवन को लेकर एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी। इसमें केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति न केवल प्रदूषण नियंत्रण बल्कि यमुना से जुड़े सभी मसलों का समाधान तलाशेगी। बैठक में केंद्रीय शहरी आवास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।

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बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि अब तक 16 हजार मीट्रिक टन कचरा यमुना से निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि नदी में गिरने वाले गंदे नालों को सीधे नहीं छोड़ा जा रहा बल्कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के जरिए शुद्ध कर प्रवाहित किया जा रहा है। फरीदाबाद के ओखला क्षेत्र में यमुना के पानी के बीओडी स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुआ है। अभी तक 44 एसटीपी स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे प्रतिदिन लगभग 620 एमएलडी पानी साफ किया जा रहा है। 9 और नए एसटीपी पर काम चल रहा है, जिनसे प्रतिदिन 510 एमएलडी पानी और शुद्ध होगा।

बैठक में केंद्रीय सचिव देवश्री मुखर्जी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार, हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग और अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंचाई विभाग अनुराग अग्रवाल सहित पर्यावरण व सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

करनाल से ओखला तक सुधार की कोशिश

मुख्यमंत्री ने बताया कि करनाल जिले के पल्ला गांव से यमुना में गिरने वाली ड्रेन का बीओडी स्तर 80 है, जिसे और नीचे लाने के प्रयास हो रहे हैं। वहीं, ओखला में स्थिति पहले से बेहतर है और आगे इसे और सुधारा जाएगा। सैनी ने कहा कि नजफगढ़ झील और ड्रेन की नियमित मॉनिटरिंग दिल्ली व हरियाणा के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की संयुक्त टीम करेगी। हरियाणा के उद्योगों से निकलने वाले दूषित पानी की जांच भी की जाएगी ताकि प्रदूषण को जड़ से खत्म किया जा सके।

पानी की कोई सीमाएं नहीं होती

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और पानी को लेकर किसी भी राज्य की कोई सीमाएं नहीं होती। इसलिए मिलकर ही यमुना को स्वच्छ बनाया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के तहत निर्धारित लक्ष्य पर तेजी से काम हो रहा है और जल्द ही जनता यमुना का निर्मल रूप देख सकेगी।

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