चंडीगढ़, 20 जनवरी (ट्रिन्यू)
नौंवीं से बारहवीं के बाद अब सरकार छठी से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने की तैयारी में है। इन तीनों कक्षाओं के लिए पहली फरवरी से मिडल स्कूल खुलेंगे। कोरोना महामारी की वजह से मार्च के बाद से ही प्रदेश में स्कूल बंद थे। चरणबद्ध तरीके से सरकार स्कूलों को खोल रही है। पहली बड़ी कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करवाई और अब मिडल स्कूल खुलेंगे।
पहली से पांचवीं तक के यानी प्राइमरी स्कूलों को पंद्रह फरवरी से खोलने का फैसला लिया गया है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर इस बाबत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ तीन बार बैठक कर चुके हैं। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी इस मुद्दे पर विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर चुके हैं। सीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में ही स्कूल खोलने के लिए रणनीति तय करने के निर्देश दिए थे।
शिक्षा मंत्री ने पहली फरवरी से छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को भी स्कूल बुलाने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कोरोना गाइड लाइन के साथ विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होंगे।
साढ़े 5 लाख छात्र हैं पंजीकृत
पिछले साल 22 मार्च से कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा तक करीब 5.50 लाख बच्चे पंजीकृत हैं, जो कोरोना काल की वजह से घर पर रहकर ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सरकार ने दिसंबर में 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोल दिए थे। अब समय के साथ-साथ इन कक्षाओं में बच्चों की हाजिरी भी बढ़ने लगी है। प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों द्वारा भी यह मामला शिक्षा विभाग के समक्ष उठाया गया था। इसमें प्राइमरी व मिडल स्कूल खोलने की मांग की जा रही थी। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के पास से इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाई थी।
कोरोना महामारी की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अभी तक बच्चे घर बैठे ही ऑनलाइन पढ़ रहे थे। ऐसे में वार्षिक परीक्षाओं के लिए बच्चों को एक महीना अतिरिक्त मिलेगा ताकि वे अपना पाठ्यक्रम भी पूरा कर सकें और एग्जाम की तैयारियां भी कर सकें। आमतौर पर परीक्षाएं फरवरी या मार्च में होती हैं।
परिजनों को देनी होगी एनओसी
मिडल स्कूल खोलने के अलावा सरकार ने 15 फरवरी से प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस संबंध में बाद में अधिसूचना जारी की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने से पहले गाइड लाइन भी तैयार कर ली है। इसके तहत एक कमरे अथवा एक स्थान पर बीस से अधिक छात्र नहीं बैठेंगे। कोरोना गाइड लाइन का पालन अनिवार्य होगा। सभी बच्चों के परिजनों से लिखित में एनओसी लेकर ही कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। परिजनों को यह भी ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चों को बुखार या अन्य कोई बीमारी तो नहीं है।
”पड़ोसी राज्यों ने भी स्कूल खोलने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी। इस साल बच्चों की कक्षाएं नहीं लग सकी हैं। इसलिए परीक्षाओं का आयोजन मार्च की बजाए अप्रैल में किया जाएगा, ताकि बच्चों को पाठयक्रम दोहराने के लिए समय मिल सके। स्कूल खोलने से पहले स्कूलों को सेनेटाइज करने तथा कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए बाध्य किया जाएगा।” -कंवरपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री हरियाणा
जल्द मिलेंगे टैब
राज्य सरकार ने स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए टैब देने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग की इस योजना को भी सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसके चलते प्रदेश में आठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों को आठ इंच तथा 11वीं व 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दस इंच के टैब मुफ्त दिए जाएंगे। विद्यार्थी इन टैब की मदद से पढ़ाई कर सकेंगे।