पलवल,29 जुलाई (हप्र)
कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को अटोंहा मोड पर किसानों का धरना बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। धरनारत किसानों ने जंतर-मंतर पर महिला किसान संसद द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में सरकार द्वारा किए संशोधन के कारण बढ़ रही जमाखोरी व कालाबाजारी के निंदा प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन करते हुए फैसला लिया कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक आंदोलन भी वापस नहीं होगा। किशन सिंह ठाकुर छाता की अध्यक्षता में आयोजित धरने का संचालन रूपराम तेवतिया ने किया। किसानों के विरोध स्थल पर बारिश होने के बावजूद किसान विरोध को जारी रखे हुए हैं। धरने में शामिल किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरौत ने बताया कि इस ऐतिहासिक आंदोलन ने भाजपा सरकार के किसान विरोधी और अलोकतान्त्रिक उपायों को चुनौती दी है। यह आंदोलन किसानों की गरिमा और एकता का प्रतीक बन गया है। किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है जो भारत के लोकतंत्र की रक्षा और देश को बचाने का पर्याय बन चुका है। आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन ने खाद्य आपूर्ति में बड़े कॉर्पोरेट द्वारा जमाखोरी व कालाबाजारी को कानूनी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि कानून का असर केवल किसानों पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि कमा के खाने वाले हर नागरिक को इन कानूनों के दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिया गया बयान कि सरकार के पास मौजूदा आंदोलन में शामिल किसानों की मौत का कोई डाटा नहीं है, बेहद शर्मनाक व निन्दनीय है। धरने में शामिल किसानों को अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचंद, रमेश सौरौत, कुलभाण कुमार, नरेन्द्र सहरावत, सोहनपाल चौहान, छिद्दी नम्बरदार, गोविंदराम, रघुबीर सिंह, शिवसिंह छाता, बीधूसिंह, इंकलाब सिंह खेड़ा, अच्छेलाल, चंद्रमुनि, बीर सिंह, करतार सिंह, फतेहसिंह और ग्यालाल चिरवारी ने भी संबोधित किया।
कितलाना टोल पर किसानों का प्रदर्शन
भिवानी (हप्र) : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर किसान,मजदूरों व महिलाओं ने बृहस्पतिवार को भारी बारिश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं स्वामी दयाल धाम दादरी में किसान आंदोलन को तेज करने के मकसद से फौगाट खाप 19 की तरफ से बुलाई गई महापंचायत में विभिन्न खापों व सामाजिक संगठनों से किसान, मजदूर व महिलाएं शामिल हुए, कितलाना टोल से भी सभी संगठनों के लोग शामिल हुए। धरने को संबोधित करते हुए सांगवान खाप की ओर से कन्नी चरखी नेता मास्टर ताराचन्द ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों को उपद्रवी बताया है, जिनके बयान की हम घोर निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसानों के बारे में ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह आन्दोलन शान्ति पूर्ण तरीके से 36 बिरादरी का जन आन्दोलन है और सरकार को अपना अहम छोड़कर किसान वर्ग की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।
दिल्ली बाॅर्डर पर किसानों की बढ़ेगी भागीदारी
चरखी दादरी (निस) : किसान आंदोलन को मजबूत करने, दिल्ली बाॅर्डर पर किसानों की भागीदारी और बढ़ाने को लेकर खाप, सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है और 16 अगस्त को दिल्ली बाॅर्डर पर बड़ी तादाद में किसान पहुंचेंगे। बृस्पतिवार को स्वामी दयाल धाम पर सर्वजातीय-सर्वखाप महापंचायत में यह बात कही गई। इस दौरान गांव स्तर पर कमेटियों का गठन कर आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाने का निर्णय लिया गया। सर्वजातीय-सर्वखाप महापंचायत की अध्यक्षता फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नंबरदार ने की। पंचायत प्रतिनिधियों ने आंदोलन को लेकर तन-मन-धन से सहयोग करने का आह्वान किया। साथ ही स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान भाजपा-जजपा नेताओं व मंत्रियों का बहिष्कार जारी रहेगा। अगर विरोध के दौरान प्रशासन व सरकार द्वारा किसानों को रोकने का प्रयास किया गया तो सर्वजातीय-सर्वखापें मिलकर बड़ा फैसला लेंगी। फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नंबरदार ने बताया कि सर्वखापों ने एकजुट होकर किसान आंदोलन को अपने क्षेत्र में नये सिरे से मजबूत करने का फैसला लिया है। इस अवसर पर सांगवान खाप के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप प्रधान बिजेन्द्र बेरला, सतगामा खाप प्रधान ओमप्रकाश, राजवीर शास्त्री, विनोद मोड़ी, कप्तान रामप्रताप, महावीर पंवार, राजसिंह, पूर्व विधायक नृपेन्द्र मांढ़ी, बार प्रधान सुरेन्द्र मैहड़ा, नितिन जांघू, नंदलाल ठुकराल, अजीत फौगाट, रविंद्र गुप्ता प्रधान व अन्य मौजूद रहे।