पलवल, 3 अगस्त(हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार की चिराग योजना का विरोध करते हुए इसे सरकारी शिक्षा को निजी स्कूलों को सौंपने की साजिश बताया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का कहना है कि सरकार की चिराग योजना गैर-कानूनी है क्योंकि सरकार ने पहले से नियम बनाया है कि सरकार आठवीं तक मुफ्त शिक्षा देगी, लेकिन अब उसी आरटीई का उल्लंघन कर रही है। संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से इस योजना को रद्द करने की मांग की है। संघ ने सरकार से चिराग योजना से प्राइवेट स्कूलों की दी जाने वाली धनराशि से सरकारी स्कूलों में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने और खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है ताकि सभी छात्र सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करें और चिराग योजना की आवश्यकता ही न पड़े।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा अभिभावक एकता मंच के राज्य संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा कि एक ओर सरकार सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने का दिखावा कर रही है और दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को सरकारी स्कूलों से निकालकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने की चिराग योजना ला रही है। यह किसी भी तरह से सही नहीं है। प्राइवेट स्कूल संचालक पहले से ही शिक्षा का व्यवसायीकरण करके छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। सकसं इस योजना का पुरजोर विरोध करता है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का कहना है कि अगर सरकार ने इस योजना को रद्द नहीं किया तो इसके खिलाफ सडक़ों पर उतर कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।