Chinhit Apradh : हरियाणा में नायब सरकार की नई रणनीति, बढ़ेगी सजा दर; गवाहों की सुरक्षा भी होगी मजबूत
Chinhit Apradh : हरियाणा सरकार ने राज्य में आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। ‘चिह्नित अपराध’ मामलों में सजा दर दर को बढ़ाना अब प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी क्रम में आयोजित 26वीं राज्य-स्तरीय समिति की बैठक में सरकार की बहु-आयामी रणनीति को साझा किया गया।
इसमें न केवल कानूनी कार्रवाई को तेज करने, बल्कि गवाहों की सुरक्षा और डिजिटल प्रशिक्षण को भी मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया कि राज्य की वर्तमान सजा दर 61.17 प्रतिशत है, जिसे और बेहतर बनाने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने एनडीपीएस अधिनियम से जुड़े मामलों के शीघ्र निपटारे पर विशेष बल दिया, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में आमजन का विश्वास और मजबूत हो।
डॉ. मिश्रा ने नई ‘गवाह संरक्षण नीति’ को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी। फरवरी 2025 में अधिसूचित इस नीति के तहत अब तक आठ जिलों से 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 19 मामलों में जिला-स्तरीय समितियों ने सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस नीति के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग न्याय प्रक्रिया में खुलकर सहयोग कर सकें।
अधिकारियों की ट्रेनिंग भी
हरियाणा पुलिस अकादमी ने वर्ष 2021 से अब तक इस विषय पर 39 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए हैं, जिनमें 1,294 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ-साथ जांच अधिकारियों को ‘आईजीओटी कर्मयोगी’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से उच्च स्तरीय डिजिटल प्रशिक्षण भी दिया गया है। फरीदाबाद और जींद में सजा दर 100 प्रतिशत है। वहीं डबवाली में 90.91, सिरसा में 78.57 और रेवाड़ी में 77.27 प्रतिशत तक पहुंची है। गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, और कैथल में भी 55 से अधिक सजा दर दर्ज की गई।