ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 मार्च
हरियाणा में मजदूरी कर रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व राजस्थान आदि राज्यों के प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए सरकार चार औद्योगिक शहरों में विशेष स्कूल स्थापित करेगी। गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद और पानीपत में ये स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसी तरह से बाल मजदूरी और प्रवासी पुनर्वास की समस्या को हल करने के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में श्रम पुनर्वास केंद्र की स्थापना होगी।
अहम बात यह है कि श्रम विभाग के बजट में मुख्यमंत्री ने 240.1 प्रतिशत का इजाफा किया है। इस साल इस विभाग को 221 करोड़ 97 लाख रुपये मिलेंगे। श्रमिकों की नियमित चिकित्सा जांच के लिए सरकार ने पानीपत, सोनीपत, अंबाला, हिसार, रोहतक और जींद में औद्योगिक स्वच्छता प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है। मानेसर में 500 बेड का ईएसआई अस्पताल बनेगा। साथ ही, कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा गुरुग्राम के मौजूदा अस्पताल की 163 बेड की मौजूदा क्षमता को बढ़ाकर 500 किया जाएगा।
औद्योगिक श्रमिक मजदूरों के लिए सरकार ने हिसार, रोहतक, सोनीपत, अंबाला, करनाल और पंचकूला में 100 बेड के नये अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही, चौदह जगहों पर ईएसआई डिस्पेंसरी स्थापित होंगी। इन शहरों में करनाल, रोहतक, झाड़ली, गन्नौर, मुलाना, घरौंडा, फर्रूखनगर, कोसली, साहा, छछरौली, पटौदी, भूना, चरखी दादरी और उकलाना मंडी शामिल हैं। ईएसआई अस्पतालों एवं डिस्पेंसरी में एक्स-रे मशीन, लैब सुविधाएं और उपकरण – सेल काउंटर, आटोएनलाइजर, दूरबीन, माइक्रोस्कोप की सुविधा होगी। दंत चिकित्सा का भी प्रबंध किया जाएगा।
अंबाला में दिव्यांग देखभाल गृह
मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों की आजीवन देखभाल के लिए अंबाला में आजीवन देखभाल गृह स्थापित होगी। 2023-24 तक इस पर काम पूरा होगा। दिव्यांगों को सरकार द्वारा 2500 रुपये की मासिक पेंशन भी दी जा रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बुजुर्गों, विधवाओं, बेसहारा महिलाओं तथा बौनों एवं किन्नरों को मिल रही मासिक पेंशन में दिव्यांग भी शामिल हैं। स्कूल नहीं जाने वाले दिव्यांग बच्चों को 1900 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है।
बुढ़ापा पेंशन नहीं बढ़ी, एड्स मरीजों को 2500
गठबंधन सरकार के इस बजट में बुढ़ापा, विधवा व बेसहारा महिलाओं को मिल रही पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री ने फिलहाल पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इन वर्गों को अभी 2500 रुपये ही पेंशन मिलती रहेगी। वहीं एड्स पॉजिटिव मरीजों को 2500 रुपये की मासिक आर्थिक मदद सरकार करेगी। प्रदेश में वर्तमान में एड्स मरीजों की संख्या 21 हजार है।
बेघरों के लिए बनेगा आवास योजना, पीपीपी बनेगा आधार
प्रदेश के उन गरीब लोगों को आवास मुहैया करवाए जाएंगे, जिनके पास छत नहीं है। परिवार पहचान-पत्र इसमें मुख्य आधार बनेगा। पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उन परिवारों का सरकार चयन करेगी, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है और उनके पास अपने मकान नहीं है। ऐसे परिवारों को मकान उपलब्ध कराने के लिए सरकार इस साल योजना बनाएगी।
सर्वे के जरिये सरकार पता करेगी कि ऐसे लोगों को मकान के लिए किस तरह की मदद की जा सकती है। आवास क्षेत्र के लिए सीएम ने 388 करोड़ 11 लाख रुपये का बजट तय किया है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 104.7 प्रतिशत अधिक है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत कुल 30 हजार 789 मकान बनाने का टारगेट रखा था। इनमें से 21 हजार 551 के लिए मंजूरी दी गई और 20 हजार 659 मकान बन चुके हैं। इसी तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत अब शहरों में किफायती आवास योजना के तहत सरकार 20 हजार मकान बनाएगी।