फरीदाबाद, 6 जून (हप्र)
नगर निगम में हुए 200 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी नगर निगम के मुख्य अभियंता रमन शर्मा विजिलेंस की जांच में शामिल हो गए हैं। सोमवार को वे विजिलेंस के दफ्तर पहुंचे। विजिलेंस के अधिकारियों ने करीब तीन घंटे उनसे पूछताछ की। इसके बाद वापस भेज दिया। अभी कई दिन उनसे पूछताछ की जानी है।
विजिलेंस के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि बिना काम किए सतवीर ठेकेदार को भुगतान कैसे हो गया। मुख्य अभियंता रमन शर्मा ने विजिलेंस से कहा है कि निर्माण कार्यों के सत्यापन के लिए वे जिम्मेदार अधिकारी नहीं थे। साथ ही निर्माण कार्यों की एवज में किए गए भुगतान के लिए भी वे जिम्मेदार नहीं थे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 30 मई को रमन शर्मा को अग्रिम जमानत दी थी और 7 दिन के अंदर जांच में शामिल होने के लिए कहा था। यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के तत्कालीन चार पार्षदों दीपक चौधरी, दीपक यादव, सुरेंद्र अग्रवाल व महेंद्र सरपंच ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है। निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई। ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की।
साल 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी। विजिलेंस ने इसमें दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके तहत पुलिस आरोपी ठेकेदार सतवीर और निगम के एक मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।