चंडीगढ़, 1 जून (ट्रिन्यू)
रानियां से निर्दलीय विधायक व हरियाणा सरकार में बिजली व जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह का राजनीतिक कद और सीएम का उनके प्रति विश्वास और बढ़ा है। 29 मई को ओढ़ा (सिरसा) में हुई प्रगति रैली की सफलता में रणजीत सिंह की अहम भूमिका रही। बेशक, यह रैली भाजपा की जिला इकाई द्वारा आयोजित की गई थी लेकिन सर्वाधिक भीड़ रणजीत सिंह के समर्थकों की ही रही।
बुधवार को रणजीत सिंह ने रानियां पहुंच रैली के लिए लोगों का धन्यवाद किया। कई गांवों के वर्करों के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने खुले दिल से रानियां हलके में विकास के लिए बजट दिया है। पूरे सिरसा जिले में जितना विकास अब हो रहा है, उतना आज से पहले नहीं हुआ। रणजीत सिंह इनेलो सुप्रीमो व पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं। भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री स्व़ चौ़ देवीलाल के सबसे नजदीक रहे रणजीत सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे। 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय ही चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त करवा जीतने में कामयाब रहे। इन चुनावों में भाजपा केवल 40 सीटों पर जीत हासिल कर पाई। ऐसे में निर्दलीय विधायकों में रणजीत सिंह ही पहले थे, जिन्होंने बिना किसी शर्त के सरकार बनाने के लिए समर्थन का ऐलान किया था। माना जा रहा है कि ओढ़ा रैली में जुटी भीड़ के बाद न केवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की लोकप्रियता बढ़ी है बल्कि रणजीत सिंह का राजनीतिक कद भी इस रैली ने बढ़ा दिया है। रणजीत सिंह अकेले रानियां नहीं बल्कि पूरे सिरसा व हिसार जिला के अलावा प्रदेश के अन्य हलकों में भी अपना प्रभाव रखते हैं।
अहम बात यह है कि चौ़ देवीलाल के समय से जुड़े वर्करों को उन्हें अपने साथ जोड़े रखा है। सीएमओ में भी ओढ़ा रैली की कामयाबी और इसमें रणजीत सिंह की भूमिका की चर्चा है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में भी यह बात साफ है कि सिरसा जिले के नेताओं में से सबसे अधिक भीड़ रणजीत सिंह के समर्थकों की ही रही।