गीतांजलि गायत्री/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 जुलाई
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 2001 की हरियाणा नागरिक सेवा (एक्जक्यूटिव ब्रांच) में कथित अनियमितताओं को लेकर मंगलवार को हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष, तत्कालीन सचिव और सदस्यों सहित 30 आरोपियों के खिलाफ हिसार अदालत में आरोप पत्र दायर किया। आरोपियों में 2001 की परीक्षा के आधार पर नियुक्त 14 अधिकारी भी शामिल हैं। इनमें से नौ सेवारत एचसीएस अधिकारी हैं।
जानकारी के मुताबिक, 2004 की परीक्षा से जुड़े एक और मामले में इसी हफ्ते चार्जशीट पेश होने की संभावना है। दोनों परीक्षाएं इनेलो सरकार के कार्यकाल में आयोजित की गई थीं। यह कदम भारत के राष्ट्रपति द्वारा एचपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्यों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के बाद उठाया गया है। मंगलवार को तत्कालीन अध्यक्ष और छह सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। इनके अलावा दस परीक्षकों, जिनकी अभियोजन स्वीकृति एसीबी ने एचपीएससी से प्राप्त की थी, के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया।
सूत्रों ने कहा कि एचसीएस और संबद्ध सेवाओं के अधिकारियों के खिलाफ किसी अभियोजन- मंजूरी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जिस समय का यह मामला है तब वे लोग केवल अभ्यर्थी थे। सूत्रों ने बताया कि अदालत अब एसीबी जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप तय करने पर विचार करेगी। पिछले साल सितंबर में एसीबी ने 17 साल बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। पंजीकृत प्रोफेसरों (कॉलेज कैडर) ने कहा था कि 2001 और 2004 की पूरी परीक्षा प्रक्रिया ‘विकृत’ थी और चयन ‘अवैध और मनमाने ढंग से’ थे। इस मामले के बाद 2001 और 2004 बैच के लगभग 186 अधिकारियों के भाग्य पर सवालिया निशान लग गया था। सरकार ने बाद में इनमें से कुछ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सूत्रों ने कहा कि एसीबी ने अपनी जांच में उम्मीदवारों को संदेह का लाभ दिया था और चालान केवल उन मामलों में दायर किया गया था जिनमें कथित ‘हेरफेर’ था।
मामले के मुख्य बिंदु
* 2005 में एचसीएस और संबद्ध सेवा परीक्षा के दौरान एचपीएससी भर्ती प्रक्रिया और प्रोफेसरों (कॉलेज कैडर) चयन में ‘अनियमितताएं’ सामने आने पर एफआईआर दर्ज की गई।
* पिछले साल सितंबर में, एसीबी ने दावा किया था कि 2001 और 2004 की परीक्षा प्रक्रिया ‘विकृत’ थी और चयन ‘अवैध और मनमाना’ था क्योंकि गलत मार्किंग की गयी थी।
* 2004 के एक और मामले में इसी हफ्ते पेश हो सकती है चार्जशीट।