नयी विधानसभा के लिए चंडीगढ़ बदले में जमीन देने को तैयार नहीं
- हरियाणा के नये विधान भवन के लिए 10 एकड़ के बदले 640 करोड़ की डिमांड
- पंचकूला में बदले में 12 एकड़ जमीन देने की हुई थी पेशकश
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 फरवरी
हरियाणा विधानसभा की नयी बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में तय की गई जमीन के बदले प्रदेश सरकार को मोटी कीमत चुकता करनी होगी। यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन के बदले एमडीसी, पंचकूला में 12 एकड़ जमीन देने के हरियाणा सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। साथ ही, हरियाणा सरकार द्वारा चिह्नित की गई जमीन की कीमत का आकलन करने के बाद 640 करोड़ रुपए की डिमांड जमीन के बदले कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के समय ही नई विधानसभा के लिए जमीन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा गया है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में तीन साइट्स तय करके हरियाणा विधानसभा को सूचित कर दिया था। इसके बाद उस समय स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अधिकारियों के साथ तीनों साइट्स का दौरा करके रेलवे लाइट प्वाइंट के पास आईटी रोड की ओर 10 एकड़ जमीन को चिह्नित किया था।
इसके बाद हरियाणा सरकार की ओर से सुखना लेक के अंतिम छोर पर पंचकूला में 10 एकड़ जमीन देने की बात कही गई। इसके बाद 12 एकड़ तक जमीन देने को हरियाणा सरकार तैयार हो गई। यूटी ने उस समय इस जमीन को यह कहकर लेने से इंकार कर दिया था कि इसमें कई तरह की तकनीकी दिक्कतें हैं। हालांकि बाद में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने फोरेस्ट क्लीयरेंस सहित दूसरी खामियों को दूर करते हुए नया नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया।
अब चंडीगढ़ प्रशासन ने लैंड स्वैपिंग के प्रस्ताव को खारिज करते हुए जमीन की एवज में 640 करोड़ रुपए मांग लिए हैं। माना जा रहा है कि हरियाणा सरकार भी अब जमीन खरीदने के मूड़ में है। चूंकि यूटी को जो जमीन दी जा रही थी, उसकी कीमत भी सैकड़ों करोड़ रुपए है। हालांकि यूटी प्रशासन के साथ 10 एकड़ जमीन के लिए तय की गई कीमत को लेकर बातचीत हो सकती है ताकि इसमें कुछ कमी की जा सके। चूंकि इस जमीन का इस्तेमाल विधानसभा भवन के लिए होना है। यहां कोई कमर्शियल या रिहायशी गतिविधि नहीं होनी।
हरियाणा की मौजूदा विधानसभा पंजाब के साथ एक ही परिसर में चल रही है। हरियाणा के हिस्से की 23 प्रतिशत पर अभी भी पंजाब का कब्जा है। हरियाणा में मौजूदा विधायकों की संख्या 90 है। भविष्य में नया परिसिमन लागू होने के बाद प्रदेश में विधायकों की संख्या 126 या इससे भी अधिक हो सकती है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नयी विधानसभा इमारत बनाने का फैसला किया गया। दिसंबर में केंद्र की ओर से इस प्रोजेक्ट की क्लीयरेंस मिल चुकी है।