दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 जुलाई
हरियाणा के आदमपुर हलके में उपचुनाव के हालात पैदा होते नज़र आ रहे हैं। यहां से विधायक और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ‘हाथ’ झटकने की तैयारी में हैं। कांग्रेस हाईकमान से वे पिछले लगभग तीन माह से नाराज़ चल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के साथ उनकी नजदीकियां लगातार बढ़ती दिख रही हैं। रविवार को उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को उस समय और बल मिला, जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। नयी दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। नड्डा और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं। वह 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन के खिलाफ क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य सहित सभी पदों से हटा चुका है।
बताते हैं कि कुलदीप के अलावा भाजपा नेता चाहते थे कि कांग्रेस कुलदीप को पार्टी से निकाल दें। ऐसी सूरत में उनकी विधानसभा की सदस्यता बच सकती है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व भी दूर की सोच के साथ काम कर रही है। उन्होंने कुलदीप को सिर्फ नोटिस दिया। कांग्रेस एकदम से कुलदीप को बाहर का रास्ता दिखाने के मूड़ में नहीं है। अमित शाह से मुलाकात की सूचना खुद कुलदीप ने ट्वीट कर दी। साथ में फोटो भी टैग किए। कयास लग रहे हैं कि वह भाजपा के साथ नयी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। सीएम मनोहर लाल खट्टर की तारीफ भी वे पिछले कई माह से कर रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद से कुलदीप पार्टी नेतृत्व से खासे नाराज़ हैं। दरअसल, कुमारी सैलजा की जगह पूर्व विधायक चौ. उदयभान को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। इस पद के लिए कुलदीप खुद लॉबिंग कर रहे थे। उदयभान के प्रधान बनते ही यह साफ हो गया कि पार्टी नेतृत्व ने पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ‘फ्री-हैंड’ दे दिया है। उदयभान के प्रधान बनते हुए कुलदीप ने ट्वीट करके अपनी नाराज़गी जता दी थी।
… तो गठबंधन सरकार में होगा तीसरा उपचुनाव
कुलदीप बिश्नोई अगर इस्तीफा देते हैं तो आमदपुर हलके में उपचुनाव होगा। मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में यह तीसरा उपचुनाव होगा। श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद 2020 में बरोदा हलके में उपचुनाव हुआ था। तीन कृषि कानूनों के विरोध में इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दिया तो 2021 में ऐलनाबाद हलके में उपचुनाव हुआ। ऐसे में आदमपुर का उपचुनाव तीसरा होगा।
गैर-जाट में भाजपा को मिल सकता लाभ
खट्टर कैबिनेट में जिस तरह से जाट नेताओं को जगह दी गई है, उससे साफ है कि पार्टी नेतृत्व जाटों को भी साधने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। दुष्यंत चौटाला, चौ. रणजीत सिंह, जेपी दलाल, देवेंद्र बबली व कमलेश ढांडा जहां कैबिनेट में शामिल हैं वहीं ओमप्रकाश धनखड़ को भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष बनाया हुआ है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व जाट नेता सुभाष बराला को सार्वजनिक उपकरण ब्यूरो का चेयरमैन बनाया हुआ है। हो सकता है कि कुलदीप के जरिये भाजपा गैर-जाट वोट बैंक को और मजबूत करने की फिराक में हो।
ट्विटर पर लिखा… : कुलदीप बिश्नोई ने अमित शाह से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘अमित शाह जी से मिलना एक वास्तविक सम्मान और खुशी की बात थी। एक सच्चे राजनेता, मैंने उनके साथ बातचीत में उनकी आभा और करिश्मा को महसूस किया। भारत के लिए उनका दृष्टिकोण विस्मयकारी है।’ साथ ही कहा, ‘अपनी जुबान के लिए सरे-राह हो जाना, बहुत कठिन है, अमित शाह हो जाना…।’ इतना ही नहीं, कुलदीप ने जेपी नड्डा के साथ हुई मुलाकात के भी फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं जेपी नड्डा जी से मिलकर अति गर्वित हुआ। उनका सहज और विनम्र स्वभाव उन्हें औरों से मीलों अलग दिखाता है। उनकी सक्षम अध्यक्षता में भाजपा ने अभूतपूर्व ऊंचाइयों को देखा। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।’
क्या हो सकता अगला कदम
बहुत संभव है कि कुलदीप बिश्नोई आदमपुर हलके से इस्तीफा दें। उनके भाजपा ज्वाइन करने की प्रबल संभावना है। इस्तीफा देने की सूरत में आदमपुर में उपचुनाव होगा। बिश्नोई अपने बड़े बेटे भव्य बिश्नोई को प्रदेश की राजनीति में स्थपित करना चाहते हैं। इसी सोच के साथ 2019 में उन्होंने कांग्रेस टिकट पर भव्य को हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया था। यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल में जगह के लिए कुलदीप को भाजपा पहले ही पेशकश कर चुकी है। माना जा रहा है कि कुलदीप जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। फिर वह भाजपा ज्वाइन करेंगे। उनके करीबियों ने इस बात की पुष्टि की है।