पिहोवा में चैत्र चतुर्दशी मेला शुरू, उमड़े श्रद्धालु
पिहोवा, 6 अप्रैल (निस)
तीन दिवसीय चैत्र चतुर्दशी मेला शनिवार को शुरू हो गया। मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी (नागरिक) अमन कुमार ने मेले का उद्घाटन किया और कहा कि चैत्र चौदस मेला हिन्दू-सिख एकता का प्रतीक है। इस मेले में देशभर से लोग आकर सरस्वती कुंड में स्नान करते हैं तथा अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व पूजा-पाठ करवाते हैं।
इस अवसर पर एसडीएम ने कहा कि इस मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। कुरुक्षेत्र की परिधि में तीर्थों में सर्वाधिक महत्व पृथुदक तीर्थ यानि पिहोवा को माना गया है। वामन पुराण के अनुसार वेन के पुत्र पृथु के नाम से इस तीर्थ का नाम पृथुदक रखा गया।
उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मेले में आते हैं तथा अमावस्या के समय स्नान करते हैं। उन्होंने बताया कि मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की हैं। चैत्र चौदस मेले के अवसर पर सूचना प्रसारण केंद्र की स्थापना की गई है, जो गुमशुदा लोगो को उनके परिजनों को मिलाने में मदद करेंगे। मेले में 80 प्रतिशत श्रद्धालु सिख समुदाय से हाेते हैं।
ये है इतिहास
पालिका प्रधान आशीष चक्रपाणि ने मेले के इतिहास के बारे में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में मारे गए सभी वीरों का पिहोवा में ही पिंडदान किया था। भगवान श्रीकृष्णा, शिव शंकर सहित अनेक देवीदेवता इस तीर्थ पर आए। गुरु नानक देव, गुरु गोविंद सिंह, गुरु हरगोबिंद राय भी पिहोवा तीर्थ आए। महाराजा रणजीत सिंह भी यहां आए।
नाके का अभाव, पार्किंग के लिए परेशान होते रहे भक्त
प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाओं का दावा करता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहा तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस नाके भी नहीं लगे थे। इसके कारण वाहन सरस्वती तीर्थ पर ही आते रहे। सुरक्षा कर्मी कहीं नजर नहीं आया। पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं थी।
सरस्वती तीर्थ की सीढ़ियों पर बाहर से आए पंडित पुजारियों ने कब्जाकर स्नान के मार्ग को ही रोक दिया था। तेल व धागा बेचने वालों ने बीच में ही अपनी दुकानें सजा ली। इस कारण तीर्थ यात्री स्नान के लिए सरस्वती सरोवर पर जाने के लिए परेशान होते रहे।
धुम्मन सिंह किरमच ने मेले का किया निरीक्षण
कुरुक्षेत्र (हप्र) : पिहोवा में चैत्र मेले की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के वाइस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच ने अपनी टीम के साथ मेला स्थल का निरीक्षण किया। हिमाचल प्रदेश से आये श्रद्धालुओं से मेले में हो रही सुविधा और असुविधा की जानकारी ली और उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कुशल प्रशासनिक तरीके से मेले का संचालन करने आदेश दिए। मेले में सरस्वती सरोवर में स्नान के लिए श्रद्धालु हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व भारत वर्ष के कौने-कौने से आते हैं। उन्होंने कहाक ि यह मेला हिंदुस्तान के बड़े मेलों में से एक है। मेले के निरीक्षण के समय नगरपालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के सदस्य रघुविंद्र मोर्थली, भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री तेजेंद्र सिंह गोल्डी, लाभार्थी प्रकोष्ठ के प्रदेश सदस्य राकेश दीक्षित, ओबीसी मोर्चा से हरदेव सैनी तथा अन्य कार्यकर्ता
मौजूद रहे।