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चेयरमैन ने हाईकोर्ट में दिया शपथ पत्र

भाखड़ा डैम की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने की तैयारी में बीबीएमबी
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चंडीगढ़, 10 मई (ट्रिन्यू)

हरियाणा व पंजाब के बीच छिड़े जल विवाद के दौरान बीबीएमबी द्वारा पंजाब सरकार को बड़ा झटका दिए जाने की तैयारी कर ली गई है। बीबीएमबी अब भाखड़ा की सुरक्षा पंजाब से वापस लेकर सीआईएसएफ को सौंपने जा रहा है। बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने शुक्रवार की शाम हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र दायर करके पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट दी है।

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बीबीएमबी अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि पंजाब कैडर के बीबीएमबी अधिकारियों और पंजाब पुलिस के असहयोग के कारण बीबीएमबी अधिकारी अपना काम नहीं कर पाए। भाखड़ा नंगल डैम पंजाब के अधिकार क्षेत्र में आता है। वहां इस समय पंजाब पुलिस की सुरक्षा है। इसके जवाब में बीबीएमबी चेयरमैन ने हाईकोर्ट को बताया कि बीबीएमबी द्वारा ब्यास सतलुज लिंक परियोजना सुंदरनगर हिमाचल प्रदेश में पहले से ही सीआईएसएफ को तैनात किया जा चुका है। भाखड़ा की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि बीबीएमबी ने वहां के कर्मचारियों को सुबह 9 बजे 200 क्यूसेक पानी छोड़ने और नंगल हाइडल चैनल में 100 क्यूसेक प्रति घंटे की दर से पानी छोड़ने के लिए राजी किया। 8 मई को नहर तार संख्या 74 जारी किया। मुझे बताया गया कि डीएसपी, आनंदपुर साहिब सुबह करीब 10 बजे लोहंद नियंत्रण कार्यालय पहुंचे और उनसे 200 क्यूसेक पानी की वृद्धि को वापस करने के लिए कहा, जो सुबह 9 बजे से लागू की गई थी। हालांकि, उन्होंने डीएसपी के निर्देशों का पालन करने करने से इनकार कर दिया। गेस्ट हाउस में दो घंटे बर्बाद किए और भाखड़ा बांध का दौरा नहीं करने दिया।

बीबीएमबी चेयरमैन ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण 8 मई 2025 को परियोजना प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए सुबह 9 बजे से भाखड़ा नांगल परियोजना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का दौरा करने की योजना बनाई थी। इस दौरे की सूचना सुबह 8.19 बजे एसएसपी, रूपनगर को दी गई। जिसकी एक प्रति डीसी, रूपनगर और संयुक्त सचिव, हाइड्रो, एमओपी को भेजी गई। जिसमें दौरे के दौरान आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया गया। इसकी सूचना आधिकारिक स्टाफ द्वारा एसएसपी रूपनगर कार्यालय को फोन पर भी दी गई।

‘अज्ञात लोगों ने नहीं दी प्रवेश की अनुमति’

चेयरमैन के अनुसार उन्हें और निदेशक, सुरक्षा, बीबीएमबी को दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नंगल डैम परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और स्थानीय पुलिस ने अनुरोध किया कि नंगल डैम की यात्रा से कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। हमें नंगल गेस्ट हाउस में उनके साथ जाने को कहा गया।

नंगल पहुंचने पर वे मुख्य द्वार से गेस्ट हाउस में प्रवेश नहीं कर पाए, क्योंकि गेट पर बहुत सारे लोग एकत्र हुए थे और मुख्य द्वार बंद था। इसलिए वे दूसरे रास्ते से गेस्ट हाउस में प्रवेश करने में सफल रहे। गेस्ट हाउस पहुंचने के बाद मैंने बार-बार पुलिस कर्मियों से पंजाब के मुख्यमंत्री के दौरे के बारे में पूछा और बार-बार कहा गया कि कुछ मिनट और इंतजार करो। इस तरह दो घंटे से अधिक समय बर्बाद हो गया।

प्रतीक्षा के दौरान उन्हें तथा अधिकारियों को परिजनों के फोन आए और बताया कि उन्हें हिरासत में बिठाया गया है। इस बीच उन्हें अपना काम करने से रोकते हुए पुलिस ने नंगल छोड़ने को कहा। गेस्ट हाउस परिसर के बाहर जमा भीड़ ने उनके वाहनों को रोकने की कोशिश की और उनमें से कुछ ने वाहनों को हाथों से भी मारा। पंजाब पुलिस द्वारा कानून और व्यवस्था की समस्या को ठीक से मैनेज नहीं किया जा रहा था, इसलिए मैं और अधिकारी चंडीगढ़ वापस लौट आए। पुलिस कर्मियों ने मुझे एस्कॉर्ट कर वाहन तक पहुंचाया।

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