अम्बाला शहर, 25 जुलाई (हप्र)
शामलात-देह व जुमला-मुस्तरका मालकान भूमि का मालिकाना हक काबिज काश्तकारों को देने की मांग को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट द्वारा शहर तहसील के समक्ष धरना देकर नारेबाजी की गई। बाद में नायब तहसीलदार नरेश कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर उक्त भूमि का हक पंचायतों व नगरपालिकाओं के नाम करने का विरोध किया है।
ब्लाक-1 के प्रधान राम सिंह सपेडा के नेतृत्व में यहां एकत्र हुए किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांग नहीं मानी गई तो यूनियन आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगी। यूनियन ने कहा कि काश्तकार किसानों से ज़मीन वापस लेकर पंचायत को देने के सम्बंध में वित्त आयुक्त हरियाणा का पत्र सभी जिला उपायुक्तों को जारी हो चुका है। इसके अनुसार सभी शामलात देह, शामलात देह हसब रसद जेर खेवट व शामलाटत देह हसद रसद पैमाना मलकियत व जुमला मुस्तरका मालकान की सभी जमीनों की मालिकाना हक काश्तकार किसानों से वापस लेकर पंचायत व नगरपालिकाओं के नाम किया जाएगा। यूनियन ने कहा कि माल रिकार्ड के अनुसार किसान इन जमीनों पर पीढिय़ों से काश्त कर रहे है और इन जमीनों पर किसानों का पूरा मालिकाना हक था। किसान इन जमीनों को खरीद बेच सकते थे व रहन भी करते थे।
यूनियन ने कहा कि सन् 1992 में सरकार ने एक्ट 1961 में संशोधन कर जुमला-मस्तरका मालकान जमीनों को पंचायती जमीन करार दे दिया था। चुनौती देने पर उच्च न्यायालय ने किसानों के हक में फैसला दिया। बाद में सरकार ने अपील सुप्रीम कोर्ट में कर दी। अब आजादी के बाद हुए पहले रेवेन्यू सैटलेमेंट के अनुसार उक्त सभी जमीनों को पंचायत देह में तबदील करने का आदेश दे दिया है जो कि न्याय संगत नहीं है। इससे उक्त जमीनों पर पीढ़ियों से काश्त कर रहे किसान बेदखल हो जाएंगे, भूमि उनसे छीन जाएगी। यूनियन ने मांग की कि विधान सभा का स्पेशल सत्र बुलाकर एक्ट 1961 में संशोधन कर शामलात देह व जुमला मुस्तरका मालकान जमीनों का मालिकाना हक उक्त जमीन पर काबिज व पीढ़ियों से काश्त कर रहे किसानों को वापस दे दिया जाए। इस मौके पर गुरिंदर सिंह, सतबीर सिंह, गुरदयाल सिंह, तेजिंद्र सिंह, करनैल सिंह, सुरजीत सिंह आदि सहित अनेक किसान मौजूद रहे।