कैथल, 27 अप्रैल (हप्र)
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष (मान) और केंद्र सरकार द्वारा गठित एमएसपी समिति के सदस्य ठाकुर गुणी प्रकाश ने सरकार से मांग की है कि सरकार गेहूं के निर्यात पर लगाई पांबदी को तत्काल प्रभाव से हटाए, क्योंकि यह पाबंदी किसानों के लिए परेशानी है। 1955 से लागू यह नीति आज तक ज्यों की त्यों लागू है। जिसका खामियाजा देश आजाद होने के बावजूद भी किसानों को अपनी फसलों को मिट्टी के भाव में लुटवाने के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
ढांड में गुणी प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार किसान हित में अपने चुनावी घोषणापत्र में फसल पर लगाई गई पाबंदी को हटाये, इसके साथ जरूरी वस्तु अधिनियम कानून को निरस्त किया जाये। फसलों पर किसानों को मिल रही मौजूदा एमएसपी किसानों की फसल लूटने का कानून है। एमएसपी कमेटी में लागत मूल्य आयोग (सीएसीपी) उपभोक्ता के हित व महंगाई को देखते हुए किसानों की फसलों की कीमत को तय करती है, जिस कारण किसानों को आज तक लाभकारी मूल्य व बाजार भाव नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने किसानों को उनकी फसलों का बाजार भाव का मूल्य दिया ही नहीं है। सिर्फ किसान हितैषी होने का राजनीतिक दल ड्रामा करते है।
गुणी प्रकाश ने सरकार मांग करते हुए कहा कि सरकार किसान हित में प्रदेश भर की मंडियों में साइलों, गोदामों का निर्माण करवाए ताकि किसान सीधा अपनी फसलों को लेकर साइलो में जाए और सीधा लदान व भुगतान होगा और किसानों की फसलों की मंडियों में होने वाली बेकद्री की प्रथा भी समाप्त होगी।
जीरी के बीज ब्लैक होने पर दर्ज हो केस
ठाकुर गुणी प्रकाश ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे जीरी की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के जिस भी जिले में जीरी के बीज की कालाबाजारी होती है, वहां के अधिकारियों के साथ ब्लैक में बीज बेचने वालों के खिलाफ केस दर्ज हो।