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प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों में तैयार होंगे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’

सीएम सैनी बोले, खिलाड़ियों को अब मिलेगा ओलंपिक जैसी तैयारी का माहौल
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हरियाणा की धरती ने देश को अनेक चैंपियन दिए हैं। कबड्डी के मैदान से लेकर कुश्ती के धूल भरे अखाड़ों तक और हॉकी से लेकर एथलेटिक्स ट्रैक तक। अब प्रदेश सरकार का सपना है कि यही खिलाड़ी आने वाले वर्षों में ‘ओलंपिक मेडल टेबल’ पर भारत का परचम ऊंचा करें। इसी सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक में ‘मिशन ओलंपिक 2036’ की रूपरेखा पर मुहर लगा दी है।

मिशन ओलंपिक-2036 को लेकर सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। बैठक में तय हुआ कि प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ तैयार किए जाएंगे। हर केंद्र तीन-तीन खेलों पर फोकस करेगा, यानी कुल 15 खेलों में खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। बैठक में सीएम सैनी ने कहा कि हरियाणा पहले से ही देश का खेल हब है, लेकिन अब हमारा लक्ष्य इसे विश्वस्तरीय खेल राजधानी बनाना है। इसके लिए सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है।

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बैठक में खेल मंत्री गौरव गौतम के अलावा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनित गर्ग, खेल विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क, वित्त विभाग के सचिव मोहम्मद शाइन, खेल विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा, मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव यशपाल और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई (सोनीपत) के कुलपति अशोक कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

मिशन ओलंपिक 2036 : केवल नारा नहीं, बल्कि रणनीति : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजना सिर्फ ढांचा खड़ा करने की नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने की है। बैठक में तय हुआ कि खिलाड़ियों की तैयारी ओलंपिक के मानकों पर ही होगी, चाहे वह ट्रेनिंग तकनीक हो या पोषण। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मिशन ओलंपिक 2036 के लिए तैयार करना राज्य सरकार का संकल्प है। खेल रोडमैप को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस मिशन के लिए 20 करोड़ रुपये का फंड भी मंजूर किया जा चुका है।

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