सोनीपत, 5 फरवरी (हप्र)
शुक्रवार को धरनास्थन पर किसानों ने जत्थों में बंट कर अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। एक तरफ जहां मुख्य मंच से लगातार शांति बनाए रखने की नसीहत दी जाती रही और किसानों को चक्का जाम के दौरान किसी प्रकार से उपद्रव से दूर रहने को कहा गया, वहीं किसानों ने धरनास्थल पर सरकार की शवयात्रा निकाल कर विरोध जताया।
इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसानों ने शवयात्रा को सिंघु बाॅर्डर से लेकर केजीपी-केएमपी तक निकाला। इससे पहले चक्का जाम की तैयारियों को लेकर पूरा दिन धरनास्थल पर बैठकों का दौर चलता रहा और रणनीति बनाई गई। खास बात यह है कि चक्का जाम की रणनीति पंजाब व हरियाणा के किसानों ने अलग-अलग बनाई। हरियाणा के किसान जहां भीतरी मार्गों को रोकने की तैयारी कर रहे हैं, तो वहीं पंजाब के किसान स्टेट व नेशनल हाइवे को बंद करने को लेकर चर्चा करते रहे।
भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के कटआउट लगाये
धरनास्थल पर किसानों में जोश भरने के लिए हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। जत्थेदारों ने धरनास्थल पर अलग-अलग जगह पर शहीदों के कटआउट लगाए हैं। इनमें शहीद भगत सिंह, ऊधम सिंह, असफाक उल्ला, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद समेत के कटआउट लगाए गए हैं। किसानों ने बताया कि किसान किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे, भले ही सरकार कितना भी षड्यंत्र क्यों न रचे।