टोहाना, 19 फरवरी (निस)
दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों का संघर्ष केवल तीनों काले कानून वापस लेने तक नहीं बल्कि देश को बचाने का एक धर्मयुद्ध है क्योंकि केंद्र सरकार देश की जनता को चंद कारपोरेट घरानों के पास गिरवी रखने का मन बना चुकी है। इसलिए यह जिम्मेदारी बनती है किसान आंदोलन से जुड़े लोग गांव-गांव, शहर-शहर, गली-गली जाकर लोगों को जागरूक करके किसान आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करें। यह बात शहर की रेलवे रोड पर स्थित नयी अनाज मंडी में बुलाई किसान महापंचायत में आए किसान, मजदूर, व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिह चढ़ूनी ने कही। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि जातपात के मकड़जाल से निकलकर अब एकजुट होने का समय आ गया है। चढ़ूनी कहा कि अंबानी-अडाणी जैसे लोगों की एक घंटे की कमाई 90 करोड़ रुपये है जबकि देश का नौजवान 6 हजार रुपये प्रति माह काम करने के लिए मजबूर हो रहा है।
महापंचायत में पारित किए प्रस्ताव
अडाणी, अंबानी, रामदेव के समान का बहिष्कार करना, ग्रामीण क्षेत्र में किसान समितियों का गठन, 100 पीछे 20 किसान दिल्ली भेजना, दिल्ली गए किसानों की खेती की संभाल समितियां करें, कृषि कानून रद्द होने तक किसान तैयार रहे, भाजपा-जजपा के समारोह का बहिष्कार का ऐलान।
जीटी रोड एवं डाहर टोल पर डटे रहे किसान
पानीपत (एस) : किसान आंदोलन के समर्थन में पानीपत में जीटी रोड व गांव डाहर टोल पर किसानों व मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता भाकियू नेता रामकिशन आर्य व किसान सभा के जिला संयोजक डॉ. सुरेंद्र मलिक ने की। सीटू के राज्य सचिव सुनील दत्त ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बृहस्पतिवार को रेल रोको आंदोलन पूरी तरह से सफल रहा है। धरने को किसान सभा के नेता विजेंद्र स्वामी, भाकियू नेता राजेंद्र देशवाल, शमशेर रूहल, मा. हुकम सिंह, स्वामी अग्निवेश, सीटू नेता नवीन सपड़ा, जय भगवान, एटक नेता अशोक पवार व कौमी एकता मंच पानीपत के जिला संयोजक संजय कुमार आदि ने भी संबोधित किया।