पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए प्रदेश सरकार के मुआवजे की आलोचना करते हुए इसे ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान बताया है। उन्होंने कहा कि प्रति एकड़ 7 से 15 हजार रुपये का मुआवजा किसानों के लिए बिल्कुल नाकाफी है। हुड्डा ने कहा कि किसानों की खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और उनका अनुमानित नुकसान प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपये है।उन्होंने कहा कि किसानों को पूरे दो सीजन का घाटा हुआ है, बावजूद इसके सरकार इतनी कम रकम का ऐलान कर रही है। कम से कम 50-60 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। मंगलवार को नयी दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में हुड्डा ने कहा कि बाढ़ से 14 लाख एकड़ से अधिक फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। हजारों मकानों में दरारें, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को वित्तीय सहायता और उचित मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार को हरियाणा के लिए विशेष राहत पैकेज घोषित करना चाहिए। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान भी उनके साथ मौजूद रहे। हुड्डा ने कहा कि उन्होंने स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और स्थिति आधा हरियाणा के लिए भयावह बनी हुई है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने हरियाणा को बाढ़ प्रभावित राज्य घोषित नहीं किया, जबकि यह आवश्यक था ताकि केंद्र से तुरंत सहायता ली जा सके।पोर्टल ने बढ़ाई मुश्किलेंहुड्डा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पोर्टल के चक्कर में किसानों तक मदद नहीं पहुंचा रही। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर केस दर्ज करने वाली सरकार, बाढ़ और आपदा में किसानों के लिए सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल का सहारा लेती है। हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने पोर्टल को मुआवजे में देरी और जिम्मेदारी से भागने का जरिया बना लिया है।स्पेशल गिरदावरी करवाए सरकार : उदयभानचौधरी उदयभान ने भी प्रदेश सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए 5200 गांवों में फैली बाढ़ की भयावह स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को स्पेशल गिरदावरी कराकर तुरंत आर्थिक मदद किसानों तक पहुंचानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों और बाढ़ प्रभावित परिवारों की हालत गंभीर है और प्रदेश सरकार को मुआवजे की राशि बढ़ाकर, केंद्र से विशेष पैकेज की मांग करनी चाहिए।