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350 एकड़ जमीन पर केंद्र व हरियाणा मिलकर बसाएंगे कॉलोनी!

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
सांकेतिक फोटो
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 25 फरवरी

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केंद्र की मोदी सरकार की अगर हरी झंडी मिल गई तो हरियाणा के दो शहरों – गुरुग्राम तथा चरखी दादरी में केंद्र और हरियाणा सरकार मिलकर रिहायशी, कमर्शियल और औद्योगिक कालोनी विकसित करेंगे। इन दोनों शहरों में करीब 350 एकड़ ऐसी जमीन है, जो केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है। प्रदेश सरकार इस जमीन को मौजूदा कलेक्टर रेट पर खरीदने को भी राजी है। साथ ही, तीनों ही केंद्रीय प्रोजेक्ट्स की खाली जमीन के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने प्रपोजल बनाकर केंद्र को भेजा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्र सरकार की इन तीनों जमीनों को लेकर पूर्व में सरकार द्वारा किए गए पत्राचार की कॉपी के साथ-साथ एचएसवीपी का ऑफर लेटर भी साथ भेजा है।

दादरी में अंग्रेजों के समय की सीमेंट फैक्टरी की जमीन हरियाणा को हैंडओवर करने का फैसला भी हो गया था, लेकिन बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस पर रोक लगा दी। ऐसे में अब नये सिरे से प्रस्ताव बनाकर भेजा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने पत्र की कॉपी पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय शहरी विकास एवं बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी भेजी है। मनोहर लाल सरकार के समय से ही इन तीनों जमीनों को लेकर पत्राचार चल रहा है। अब नायब और मनोहर मिलकर इन परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने की मुहिम में जुटेंगे। दादरी में सीमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) की सीमेंट फैक्टरी नब्बे के दशक से बंद है। यह फैक्टरी पहले डालमिया ग्रुप के पास थी। इसके बाद इसे सीसीआई ने टेकओवर कर लिया था। दादरी शहर के साथ लगती यह फैक्टरी 200 एकड़ में फैली है।

पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान इसके लिए पूर्व में बहुत प्रयास कर चुके हैं। उनकी कोशिशों के बाद ही सीसीआई के चेयरमैन और एमडी (मैनेजिंग डायरेक्टर) यह जमीन हरियाणा को देने को राजी हो गए थे। लेकिन 2016 की केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में इस फैसले को रोक दिया गया। जून-2022 में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उस समय के कलेक्टर रेट पर जमीन हरियाणा सरकार को ट्रांसफर करने के लिए भी पत्र लिखा गया। लेकिन बात नहीं बन पाई।

चरखी दादरी से भाजपा विधायक सुनील सतपाल सांगवान भी सीमेंट फैक्टरी की जगह बड़ा प्रोजेक्ट लाने की कोशिश में जुटे थे। वे इस संदर्भ में नायब सिंह सैनी व मनोहर लाल खट्टर से भी मिले। इसके बाद ही सरकार ने तीनों ही पुरानी परियोजनाओं पर फिर से मेहनत शुरू कर दी है। अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 200 एकड़ जमीन पर रिहायशी और कमर्शियल कालोनी विकसित करने का प्लान बनाया है। इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार करके केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजा है।

नायब सैनी द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दादरी की 200 एकड़ जमीन रिहायशी और कमर्शियल तौर पर विकसित करने के लिए बहुत उपयोगी है। यहां प्लॉटिंग करके ई-ऑक्शन का प्लान बनाया गया है। सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सामने यह पेशकश भी की है कि इस प्रोजेक्ट में होने वाले मुनाफे में केंद्र और हरियाणा सरकार बराबर के भागीदार होंगे। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल अब वित्त मंत्री के साथ बैठक करके इस प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने की कोशिश करेंगे।

एचआईएल की 70 एकड़ जमीन

गुरुग्राम में हिंदुस्तान कीटनाशक लिमिटेड (एचआईएल) की 70 एकड़ के लगभग जमीन है। यहां कीटनाशक प्लांट बंद हो चुका है। हालांकि एक बार इस प्रोजेक्ट को फिर से उपयोग में लाने की कोशिश हुई लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाई। इसमें से 4.66 एकड़ जमीन सड़कों को चौड़ा करने तथा 1.22 एकड़ जमीन नेशनल हाईवे के अंडरपास में इस्तेमाल की जा चुकी है। इसकी एवज में हरियाणा सरकार एचआईएल को 21 करोड़ 19 लाख रुपये का भुगतान भी कर चुकी है। यह जमीन अर्बन और इंडस्टि्रयल एरिया में होने की वजह से काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए भी एचएसवीपी ने ज्वाइंट-वेंचर में काम करने की पेशकश केंद्र से की है।

आईडीपीएल 1992 से बंद

केंद्र सरकार के ही इंडियन ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) का गुरुग्राम का प्लांट 1992 से बंद पड़ा है। यहां रिहायशी कालोनी भी बनाई गई थी। यहां आईडीपीएल की 89.79 एकड़ जमीन है। 2016 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरप्लस जमीन को बेचने का फैसला भी लिया था। 2017 में हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से कलेक्टर रेट पर जमीन ट्रांसफर करने की मांग की लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई। अब मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस जमीन की कीमत के तौर पर हरियाणा सरकार मौजूदा यानी 2025-26 के कलेक्टर रेट के हिसाब से भुगतान करने को तैयार है।

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