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फरीदाबाद, 20 अप्रैल
फरीदाबाद के एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा का वह प्रदर्शन रंग लाया जिसमें उन्होंने विधानसभा में बिना जूतों के सिर्फ एक धोती में पहुंचकर उन घोटालों की जांच की मांग की थी िजसमें फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ का घाेटाला भी शामिल था। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। अब बहुचर्चित 200 करोड़ रुपये के घोटाले में विजिलेंस ने नगर निगम के मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, ठेकेदार सतवीर सहित इंजीनियरिंग व अकाउंट विभाग के सात अधिकारी व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया है। विजीलेंस सूत्रों के मुताबिक वार्ड 34 से 40 तक पुलिया बनाने, इंटरलाकिंग टाइल, स्टोन मेटल लगाने सहित चार काम अलाट हुए थे। ठेकेदार को बिना काम किए करीब पांच करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। गौर हो कि कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा एवं दीपेंद्र हुड्डा ने भी इस घोटाले की बातउठाई थी।
आरोप है कि इंजीनियरिग व अकाउंट विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी भी इसमें संलिप्त थे। इन सभी के खिलाफ मुकदमे में धोखाधड़ी, अमानत में खयानत व भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। गत 6 अप्रैल को विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सतबीर ने मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को मास्टर माइंड बताया। विजिलेंस ने डीआर भास्कर को नोटिस दिया, मगर वह फरार हो गया। विदेश भागने की आशंका को भांपते हुए एयरपोर्ट पर लुकआउट नोटिस जारी कराया गया। इस बीच, 6 दिन की रिमांड के बाद ठेकेदार को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अब नए दर्ज मुकदमे में विजिलेंस ठेकेदार को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करेगी।
इस तरह उजागर हुआ मामला : घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी। निगम आयुक्त ने जांच के बाद विजिलेंस जांच की सिफारिश की। विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर सहित अनेक लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। विजिलेंस को ठेकेदार सतबीर के खातों में नगर निगम से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला। बताया जा रहा है कि दो सौ करोड़ के इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी व नेता भी विजीलेंस के राडार पर हैें।