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बॉलीवुड के 2 कलाकारों पर जुलाना में केस दर्ज

जींद(जुलाना), 22 मार्च (हप्र) जुलाना थाना पुलिस ने बॉलीवुड के 2 कलाकारों समेत ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों व पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि बालीवुड कलाकार श्रेयस तलपड़े व आलोक नाथ...
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जींद(जुलाना), 22 मार्च (हप्र)

जुलाना थाना पुलिस ने बॉलीवुड के 2 कलाकारों समेत ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों व पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि बालीवुड कलाकार श्रेयस तलपड़े व आलोक नाथ ने ब्रांड एंबेसडर बनकर सोसायटी का प्रचार किया था और सोसायटी ने मल्टी लेवल मार्केटिंग के सिस्टम पर काम करते हुए करोड़ों रुपये का निवेश जुटाया।

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फिलहाल 15 निवेशकों के 86 लाख 36 हजार रुपये हड़पने के मामले का खुलासा हुआ है, लेकिन इस मामले में निवेशकों की संख्या हजारों में और निवेश राशि करोड़ों रुपये बताई जा रही है।

जुलाना थाना पुलिस ने मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामले के अनुसार सोनीपत जिले के छपरा गांव निवासी जसवीर ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड ने जनता को वित्तीय योजनाओं के माध्यम से धोखा देने का गंभीर अपराध किया है।

सोसायटी की स्थापना और उद्देश्य ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का गठन बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत किया गया था।

साल 2016 से सोसायटी ने शुरु किया काम

इस सोसायटी ने 16 सितंबर 2016 से हरियाणा सहित कई राज्यों में कार्य करना शुरू किया। इसके मुख्य कार्य फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा जैसी बचत योजनाएं थी। दावा किया गया कि निवेशकों की रकम सुरक्षित रहेगी और समय पर मैच्योरिटी का भुगतान किया जाएगा। नए निवेशकों को जोड़ने के लिए इंसेंटिव आधारित योजनाएं शुरू की। इस योजना के तहत, जो व्यक्ति अधिक निवेशकों को जोड़ेगा, उसे निवेश की राशि के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह मॉडल मल्टी लेवल मार्केटिंग पर आधारित था, जिसने तेजी से निवेशकों की संख्या बढ़ाई। निवेशकों ने अपने परिचितों, दोस्तों और रिश्तेदारों को जोड़ना शुरू कर दिया। एजेंट्स और निवेशकों का एक बड़ा नेटवर्क बन गया। 2016 से 2023 तक सोसायटी ने समय पर भुगतान और योजनाओं का सुचारू संचालन किया।

सोसायटी के मालिक और अधिकारी लगातार निवेशकों और एजेंट्स को यह विश्वास दिलाते रहे कि उनका मॉडल मजबूत और पारदर्शी है। इस दौरान, सोसाइटी ने अपनी वास्तविक मंशा को छिपाते हुए धोखाधड़ी के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। शिकायत कर्ता ने इस मामले में नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परीक्षित पारसे, आर. के. सेठी, राजेश टैगोर, संजय मोंडगिल, श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ पर आरोप लगाया है।

2023 में शुरु हुआ संकट

2023 में संकट की शुरुआत हुई। सोसायटी के काम में समस्याएं आनी शुरू हुईं। पहले एजेंट्स के इंसेंटिव रोक दिए गए फिर निवेशकों की परिपक्वता राशि का भुगतान बाधित होने लगा। सोसाइटी के अधिकारी सिस्टम अपग्रेडेशन का बहाना बनाते रहे। निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। धीरे-धीरे, सोसाइटी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली। सोसायटी के मालिकों ने निवेशकों और एजेंट्स से उनके केवाईसी दस्तावेज और अन्य आवश्यक व्यक्तिगत जानकारी पहले ही प्राप्त कर ली थी। संदेह है कि इन दस्तावेजों का गलत उपयोग किया गया है।
"पुलिस को शिकायत मिली थी कि सोसायटी द्वारा निवेशकों से एफडी और आरडी के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सोसायटी के सीएमडी और सोसायटी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इस मामले में अभी आरोपियों में और नाम भी शामिल हो सकते हैं।"

-जगदीश राम, थाना प्रभारी जुलाना।

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