पलवल, 30 नवंबर(हप्र)
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए सोमवार को जिले के किसानों की एक आपात बैठक जाट धर्मशाला में किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरौत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्यवाही की निदा करते हुए मांग की गई कि किसानों पर बनाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।
बैठक में फैसला किया गया कि दो दिसंबर को जिले के किसान अनाज मंडी में इकट्ठा होकर उपायुक्त कार्यालय के लिए कूच करेंगे व उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में किसान संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया। समिति में रतन सिंह सौरोत, उदयसिंह, अमीचंद पन्हेडा, बाबू बोहरे, रमेशचंद, ताराचंद, तेजपाल सरपंच, बबलू हुड्डा, सुरेंद्र चौहान, धर्मचंद, वीरेंद्र मान, मास्टर महेंद्र चौहान तथा देवा सरपंच पहरा को शामिल किया गया है।
बैठक में किसानों को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के नेताओं ने बताया कि किसानों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में शामिल करे तथा कृषि के तीन काले कानूनों को जबरदस्ती थोपने का प्रयास ना करे। उन्होंने आरोप लगाया कि बडे पूंजीपतियों व विदेशी पूंजी के प्रवेश के चलते किसान की जमीन ही खतरे में पड़ जाएगी।