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साहिबज़ादों के बलिदान से जुड़े संदेश को घर-घर पहुंचाने की मुहिम

वीर बाल दिवस पर पूरे हरियाणा के स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता की शुरूआत
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेशभर के विद्यालयों में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता की वर्चुअल शुरुआत करते हुए कहा कि साहिबज़ादों - बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अमर साहस, सत्य और बलिदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है। यह प्रतियोगिता केवल एक शैक्षणिक गतिविधि नहीं, बल्कि बच्चों को अपनी विरासत, अपने धर्म और देश के प्रति कर्तव्यबोध से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

इस वर्चुअल कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिलों के लाखों विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़े। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बच्चों से सीधे संवाद किया और उन्हें साहिबज़ादों के जीवन प्रसंगों से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि श्रीगुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबज़ादों - जोरावर सिंह जी और फतेह सिंह जी की शहादत दुनिया में अद्वितीय है। इतनी कम आयु में भी उन्होंने जो साहस, दृढ़ता और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया, वह हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है।

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सैनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि साहिबज़ादों की कहानी केवल इतिहास नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बच्चा इनके जीवन को पढ़ेगा, सुनेगा या समझेगा, उसमें अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ता और देश व समाज के लिए कुछ करने की भावना जागृत होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लेकर पूरे विश्व में छोटे साहिबज़ादों के बलिदान को अमर कर दिया है।

यह दिन बच्चों को साहस, सत्य और कर्तव्य की सीख देने का अवसर बन गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव यशपाल और ओएसडी डॉ़ प्रभलीन सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

चार भाषाओं में निबंध प्रतियोगिता

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष वीर बाल दिवस पर प्रदेशभर में चार भाषाओं - हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी और संस्कृत में निबंध लेखन प्रतियोगिता हो रही है। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चे न केवल अपने लेखन कौशल का प्रदर्शन करेंगे, बल्कि साहिबज़ादों के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों और मूल्यों को भी आत्मसात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता केवल ‘पुरस्कार’ प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का अवसर है।

आयु कम थी लेकिन संकल्प अटल था

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे साहिबज़ादों की आयु भले ही कम थी, लेकिन उनका संकल्प अटल था। उन्होंने कहा कि नौ वर्ष और छह वर्ष की आयु में भी उन्होंने जिस निडरता के साथ धर्म और सच्चाई का साथ दिया, वह हर विद्यार्थी के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि सच्चा साहस वही दिखाता है जो सत्य के पक्ष में खड़ा हो। हर विद्यार्थी को ऐसा ही जीवन जीना चाहिए - निडर, अनुशासित और राष्ट्रप्रेम से भरा हुआ।

शिक्षक बो रहे छात्रों में मूल्यों के बीज

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा कि जैसे गुरु गोबिंद सिंह ने अपने साहिबज़ादों को धर्म, साहस और त्याग का पाठ पढ़ाया, वैसे ही आज के शिक्षक छात्रों में मूल्यों के बीज बो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाते, वे बच्चों के व्यक्तित्व, चरित्र और जीवन दृष्टि का निर्माण करते हैं। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को साहिबज़ादों की प्रेरक गाथा से जुड़े मूल्यों - साहस, अनुशासन, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति को अपनाने के लिए प्रेरित करें।

प्रतियोगिता को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य स्तर पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रथम पुरस्कार के लिए 21 हजार रुपये, द्वितीय के लिए 11 हजार तथा तृतीय के लिए 5100 रुपये की राशि तय की गई है। इसके अलावा जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 3100 रुपये प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरस्कार केवल प्रोत्साहन नहीं, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का माध्यम हैं।

 

 

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