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Campaign Against Drug Abuse : हरियाणा में नशे के खिलाफ अलग तरह की मुहिम चला रहा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो

ब्रेक दा साइकल बकेट चैलेंज की शुरूआत, अब पुनर्वास पर रहेगा फोकस, नशामुक्त जीवन बकेट चैलेंज के जरिए 30 प्रभावशाली हस्तियों को जोड़ा
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस/चंडीगढ़, 12 फरवरी

Campaign Against Drug Abuse : हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) नशे के खिलाफ प्रदेश में अलग तरह की मुहिम चला रहा है। युवाओं को नशे से दूर करने के लिए ना केवल जागरूकता मुहिम चल रही है बल्कि विभिन्न हस्तियों को भी इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ‘नशामुक्त जीवन बकेट चैलेंज’ के बाद अब ‘ब्रेक दो साइकल बकेल चैलेंज’ शुरू किया है।

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युवाओं को दिया चैलेंज

नशामुक्त जीवन बकेट चैलेंज के जरिए ब्यूराे तीस से अधिक प्रभावशाली हस्तियों को अपने साथ जोड़ने में सफल रहा। इस मुहिम के तहत तीस लाख से अधिक लोगों तक ब्यूरो ने अपनी पहुंच बनाई। पहले अभियान की सफलता के बाद अब दूसरा चैलेंज युवाओं को दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य नशे की लत से जूझ रहे लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना और उनका पुनर्वास करना है।

नशामुक्त जीवन बकेट चैलेंज

केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में प्रदेश के 22 में से 12 जिलों को नशे से काफी प्रभावित माना गया है। इसी वजह से राज्य सरकार भी नशे से लड़ने के लिए पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। इसी कड़ी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नशे के खिलाफ सामाजिक आंदोलन खड़ा करने में जुटा है। इसमें विशेष रूप से युवाओं को नशे के खिलाफ खुलकर बोलने के प्रेरित किया जा रहा है। नशामुक्त जीवन बकेट चैलेंज में युवाओं को एक बाल्टी से भरे कीचड़युक्त पानी को फेंकने के लिए प्रेरित किया।

चैलेंज के जरिए 30 प्रभावशाली हस्तियों को जोड़ा

यह एक तरह का मैसेज था कि युवा नशे को त्याग रहे हैं। इस पहल में अभिनेता राजकुमार राव, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, ओलंपियन नीरज चोपड़ा, बॉक्सर विजेंद्र सिंह, अभिनेता यशपाल शर्मा, हरियाणवी गायक मासूम शर्मा, रैपर जोड़ी एमडी और केडी, दंगल गर्ल बबीता फोगाट तथा अर्जुन अवार्डी विजेता पहलवान गीतिका जाखड़ सहित 30 हस्तियों ने अपनी भागीदारी कर युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक किया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजीपी ओपी सिंह कहते हैं कि इनकी भागीदारी ने हजारों लोगों को इस मुहिम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और यह साबित किया कि एक छोटा-सा कदम भी बड़े सामाजिक परिवर्तन की नींव रख सकता है।

और यूं छोड़ा नशा

अभियान से प्रेरित होने वालों में से एक हैं रोहतक के 27 वर्षीय राजेश (बदला हुआ नाम)। राजेश पिछले कई वर्षों से नशे का आदी था। जब उसने सोशल मीडिया पर इस चैलेंज को देखा, तो नशा छोड़ने की प्रेरणा मिली। राजेश का कहना है कि बकेट चैलेंज से मुझे लगा कि इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं। मैंने महसूस किा कि जब इतने लोग नशामुक्त जीवन की ओर बढ़ रहे हैं तो मैं भी इस बुराई को खुद से दूर कर सकता हूं। मैं इसमें कामयाब भी रहा।

अब दो सप्ताह का चैलेंज

ब्रेक दा साइकल बकेट चैलेंज नशे की बेड़ियों को तोड़ने का अभियान है। यह प्रदेश में दो सप्ताह तक चलेगा। यह चैलेंज मुख्य रूप से उन लोगों पर केंद्रित है, जो नशे की लत से जूझ रहे हैं। अगले दो सप्ताह पूरे प्रदेश में इसके तहत नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को प्रोत्साहित किा जाएगा। वे कीचड़युक्त पारी से भरी बाल्टी फेंकेंगे और नशे से छुटकारा पाने की कोशिश करेंगे। खुद तो नशा छोड़ेंगे ही, साथ ही तीन अन्य लोगों को इस संकल्प में शामिल करेंगे ताकि वे दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकें।

मुश्किल नहीं है नशा छोड़ना

अभियान के अगले चरण को लेकर ब्यूरो प्रमुख और डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि नशे की लत एक दुष्चक्र है। लेकिन सही समर्थन, मजबूत संकल्प और समाज की भागीदारी से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। यह अभियान केवल जागरूकता के लिए नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई के लिए है। ब्रेक दा साइकल बकेट चैलेंज सिर्फ नशा छोड़ने की अपील नहीं कर रहा बल्कि यह एक ऐसा मंच प्रदान कर रहा है, जहां लोग सार्वजनिक रूप से नशामुक्त जीवन का संकल्प ले सकते हैं। साथ ही, दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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