Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

112 पर फोन, अब औसतन 7 मिनट में हाजिर होगी पुलिस

पुलिस रिस्पांस होगा और फुर्तीला, ईआरवी सिस्टम में होंगे बड़े सुधार
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
डीजीपी शत्रुजीत कपूर।
Advertisement
हरियाणा में इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (ईआरवी) अब पहले से ज़्यादा फुर्तीली नजर आएगा। डीजीपी शत्रुजीत कपूर की सख्ती और तकनीकी अपग्रेड के बाद औसत प्रतिक्रिया समय 12 मिनट से घटकर 7 मिनट 3 सेकंड पर आ गया है। मेडिकल इमरजेंसी के मामले में 2022 में एम्बुलेंस पहुंचने में 2022 में औसतन 25 मिनट 44 सेकंड लगते थे। अब यह समय आधा होकर 12 मिनट 50 सेकंड रह गया है।अप्रैल 2025 में डायल-112 पर 6 लाख 6 हजार कॉल अटेंड की गई। इनमें से 30 प्रतिशत मामलों में मौके पर तुरंत वाहन भेजा गया। 2022 में यही आंकड़ा सिर्फ 17 प्रतिशत था। डीजीपी ने कहा कि जल्द ही एआई-पावर्ड ऑटो-डिस्पैच सिस्टम पायलट आधार पर शुरू होगा, ताकि डिस्पैच में मैन्युअल देरी खत्म हो। साथ ही, ‘ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस’ से अब तक 300 से अधिक महिलाओं की यात्रा रीयल-टाइम ट्रैक हुई है।

बृहस्पतिवार को पंचकूला पुलिस मुख्यालय में डायल-112 की समीक्षा मीटिंग में डीजीपी ने कहा कि आपातकालीन सेवा में हर सेकंड की कीमत है। पुलिस का लक्ष्य है कि सेवा त्वरित भी हो और मानवीय भी। उन्होंने बैठक में ईआरवी की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार के निर्देश दिए। बैठक में जिलों के औसत प्रतिक्रिया समय का विश्लेषण करते हुए इसे और कम करने के लिए ठोस व समयबद्ध योजना बनाने को कहा गया। डीजीपी कपूर ने चेताया कि किसी भी प्रकार की देरी पुलिस की छवि और पीड़ित की मदद – दोनों को प्रभावित करती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Advertisement

तकनीक से रीयल-टाइम मॉनिटरिंग

हरियाणा 112 टीम ने बैठक में डैशबोर्ड और डेटा एनालिटिक्स सिस्टम का प्रेजेंटेशन दिया, जिसके जरिए हर ईआरवी की लोकेशन, गति, प्रतिक्रिया समय और कॉल रिस्पॉन्स रीयल-टाइम में ट्रैक किया जा रहा है। इस डेटा से पता चलता है कि कौन-सा वाहन कितनी दक्षता से काम कर रहा है और कहां सुधार की जरूरत है।

खास प्रशिक्षण और ऑडिट मॉड्यूल

बैठक में यह भी बताया गया कि ‘ऑडिट मॉड्यूल ऑफ ईआरवी’ विषय पर नोडल अधिकारियों और ईआरएसएस स्टाफ को लाइव डेमो सहित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें एसओपी, मॉड्यूल की प्रक्रिया और प्राथमिक उपचार जैसी अहम जानकारियां शामिल हैं।

ईआरवी जनता की सुरक्षा की रीढ़

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने जोर दिया कि तकनीक, प्रशिक्षण और निगरानी - ये तीनों स्तंभ ईआरवी सिस्टम को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस का लक्ष्य है कि हर आपातकालीन कॉल पर प्रतिक्रिया त्वरित, मानवीय दृष्टिकोण वाली और भरोसेमंद हो। बैठक में एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार, एडीजीपी (यातायात एवं राष्ट्रीय राजमार्ग) हरदीप दून, आईजी (कानून एवं व्यवस्था) सिमरदीप सिंह, एआईजी चंद्रमोहन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

Advertisement
×