नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 12 दिसंबर
इकोग्रीन एनर्जी के काम को लेकर बेशक ही आमजन से लेकर नगर निगम सदन, विधायकों और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत तक कड़ा विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार को इससे बेपरवाह है। प्रदेश सरकार ने कंपनी को उस एनर्जी प्लांट की क्षमता बढ़ाने की मंजूरी दे दी जिस पर अभी काम तक शुरू नहीं हो पाया। विस्तार की अनुमति लेने वाली कंपनी अभी तक इसकी स्थापना के लिए 10 एकड़ जमीन से कूड़ा तक नहीं हटा पाई है। कूड़े से बिजली बना शहर को रोशन करने का सपना दिखाकर इकोग्रीन एनर्जी ने वर्ष 2017 में नगर निगम गुरुग्राम के साथ कांट्रेक्ट कर शहर से कूड़ा संग्रह का कार्य तो शुरू कर दिया लेकिन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए कोई जमीनी कार्य शुरू नहीं किया। कंपनी ने नगर निगम के साथ कांट्रेक्ट की कितनी पालना की इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि लंबे समय तक ठोस कचरे को अलग-अलग करने का कार्य तक भी सही तरीके से शुरू नहीं हो पाया। इसके कारण कंपनी को जो 35 एकड़ जमीन बंधवाड़ी में अरावली हिल्स पर प्लांट लगाने, कचरा अलग-अलग करने व दूसरे कार्यों के लिए दी थी उस पर ही कूड़े का पहाड़ बन गया। इस लैंड फिल साइट पर गुरुग्राम-फरीदाबाद से एकत्रित किया गया करीब 1800 से 2 हजार टन कचरा हर रोज आता है। गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के किनारे अरावली हिल्स पर 32 लाख टन से ज्यादा कूड़े का पहाड़ बन गया। इकोग्रीन एनर्जी द्वारा बरती जा रही लारवाही के खिलाफ नगर निगम सदन बीते चार साल में कई दफा कंपनी के साथ ठेका रद्द करने के प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा लेकिन सरकार ने इस विरोध को सिरे से खारिज कर दिया। नागरिकों के साथ विधायकों ने भी कंपनी के कार्य पर असंतोष जताया लेकिन सरकार ने सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए इसी कंपनी को वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के विस्तार की मंजूरी दे दी।
आने वाले दिनों में अरावली हिल्स पर कूड़े का भार और अधिक बढ़ेगा। कंपनी ठीक से काम नहीं कर रही है। कूड़े से रिसता केमिकल भूमिगत जल को जहरीला और पारा युक्त बना रहा है। जिसके चलते इस क्षेत्र में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। एग्रीमेंट की शर्तों की पालना कंपनी का दायित्व है।
-राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री