चंडीगढ़, 8 जुलाई (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार ने वर्ष 2030 तक वर्तमान में कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत के बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने तथा उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022-23 में बागवानी की विभिन्न स्कीम के तहत 25 हजार लाभार्थियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की सब्सिडी दी है।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सब्जी एवं फल उत्पादक प्रगतिशील किसानों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सैनी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य और सूचना, लोकसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) गौरव गुप्ता उपस्थित रहे।
संवाद के दौरान प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सही मायने में सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है। किसानों ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार की नई योजनाएं हमारे लिए चलाई हैं, उससे कृषि लागत में कमी आने के साथ-साथ उपज को बाजार तक पहुंच भी सुनिश्चित हुई है। भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना जैसी अनूठी योजनाएं किसानों के लिए लागू करके सरकार ने किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती और किसान हरियाणा सरकार की नीतियों के केंद्र बिंदू हैं। सरकार किसानों को खेती प्रक्रिया में हर कदम पर सहयोग दे रही है। बुवाई से पहले और बुवाई के बाद भी और फसल कटाई के बाद भी, फसलों के तैयार होने से लेकर बाजार में उसकी बिक्री तक यानी बीज से लेकर बाजार तक किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएं राज्य सरकार उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि किसान जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर आगे बढ़ें और रासायनिक उर्वरक व खतरनाक कीटनाशकों का कम उपयोग करें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा, देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की स्थिति में किसानों के हित के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि फलों व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने तथा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की रियायतें व सुविधाएं दे रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन
संवाद के दौरान फिरोजपुर झिरका के प्रगतिशील किसान आरिफ ने भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि योजना के लाभ के लिए 7000 रुपये की रिश्वत ली गई थी। इस शिकायत पर तुरंत सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने नूंह के फिरोजपुर झिरका ब्लॉक के बागवानी विकास अधिकारी श्याम सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए। इसके अलावा, झज्जर जिले के किसान ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले के एचडीओ को बागवानी फसल की भावांतर भरपाई योजना की जानकारी ही नहीं है। इस पर भी मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्शन लेते हुए एचडीओ सुकराम पाल को लिखित में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए।
खुलेंगे 3 नये उत्कृष्टता केंद्र
सीएम ने कहा कि इस्राइल और हरियाणा की जलवायु व भूमि में अनेक समानताएं हैं। वहां की टेक्नोलॉजी हमारे लिए सबसे अधिक उपयोगी है। इसलिए हम प्रदेश में फलों, सब्जियों व फूलों की खेती तथा मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में इस्राइल की तकनीक को अपना रहे हैं। नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करके बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 14 उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किये गये हैं। वर्ष 2023-24 में राज्य में तीन नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, प्याज के लिए पिनगवां, नूंह में तथा फूलों के लिए मुनीमपुर, झज्जर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।