रेवाड़ी, 4 जुलाई (हप्र)
कहते हैं अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो, लेकिन देर-सवेर कानून के लंबे हाथ उसकी गर्दन तक पहुंच ही जाते हैं। सात माह पूर्व एक विवाहिता की हत्या में उसका आशिक ही हत्यारा निकला। उसने अपने साथी को 2 लाख रुपये का लालच देकर इस हत्याकांड में शामिल किया था। दोनों ने महिला की गला घोंटकर हत्या की और पहचान मिटाने के लिए उसके चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया था। अवैध संबंधों के चलते महिला चार माह की गर्भवती थी। सीआईए रेवाड़ी ने इस गुत्थी को सुलझाते हुए आशिक व उसके साथी को धर दबोचा। उन्होंने अपना अपराध भी कबूल कर लिया। आशिक की पहचान गुरुग्राम के गांव बोहड़ा कलां के दीपक कुमार व साथी की पहचान रेवाड़ी के गांव बधराणा निवासी नरेंद्र उर्फ नरू के रूप में हुई है।
गौरतलब है कि धारूहेड़ा के निकटवर्ती राजस्थान के खुशखेड़ा की एक कंपनी में उत्तर प्रदेश के ऐटा की एक महिला काम करती थी। इसी कंपनी में कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए गुरुग्राम के बोहड़ा कलां का दीपक बस पर चालक था। इसी बस पर बधराना का उसका साथी नरेन्द्र उर्फ नरु परिचालक था। महिला शादीशुदा थी, लेकिन पति अजय कुमार से उसकी अनबन रहती थी। बस में आते-जाते महिला व चालक दीपक के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गये। इसके चलते दोनों में शारीरिक संबंध बन गए और महिला गर्भवती हो गई। महिला ने जब दीपक पर शादी के लिए दबाव बनाया तो वह आनाकानी करता रहा। लेकिन जब महिला ने कहा कि वह उसके बच्चे की मां बनने वाली है तो उससे छुटकारा पाने के लिए उसकी हत्या का प्लान बनाया। इस प्लान में उसने अपने साथी नरेन्द्र को भी शामिल किया।
प्लान के अनुसार दीपक ने महिला को शादी का झांसा देकर 8 दिसंबर, 2022 को खुशखेड़ा से रेवाड़ी बुलाया। दीपक ने उसी रात महिला को नरेन्द्र के साथ भेज दिया। नरेन्द्र उसे बावल क्षेत्र के गांव सुलखा की ओर ले गया और वहां सुनसान जगह पर उसका गला दबाकर हत्या कर दी। पहचान मिटाने की गरज से उसने महिला के चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया था।