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भाइयों ने भरा अनोखा भात, पर्यारण संरक्षण की मिसाल बनी नई परंपरा

चरखी दादरी, 2 मार्च (हप्र) गांव झोझू खुर्द में गांव हड़ौदा से अपनी बहन के घर भात भरने आए लोगों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर अनुकरणी पहल शुरू की है। दुल्हें के मामा अपने साथ पौधे लेकर पहुंचे और वहां...
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चरखी दादरी के गांव झोझूं कलां में रविवार को शादी के भात में चीकू का पौधा भेंट करते भाती। -हप्र
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चरखी दादरी, 2 मार्च (हप्र) गांव झोझू खुर्द में गांव हड़ौदा से अपनी बहन के घर भात भरने आए लोगों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर अनुकरणी पहल शुरू की है। दुल्हें के मामा अपने साथ पौधे लेकर पहुंचे और वहां मौजूद लोगों को पांरपरिक उपहार पैंट-शर्ट, कंबल-लोई की जगह पौधे भेंट किए। उनकी इस पहल की क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है और लोग सराहना कर रहे हैं।

बता दें कि झोझूं खुर्द में सुरेंद्र शर्मा के यहां उनके दो बेटो योगेश कुमार एवं कपिल देव का विवाह बड़े हर्षोल्लास और भारतीय संस्कृति की परंपराओं के अनुरूप संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर सभी रस्मों को पूरी विधि-विधान से निभाया गया लेकिन इस विवाह का सबसे अनोखा और चर्चा का विषय बना भात रस्म रहा। जिसमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक नई परंपरा की नींव रखी गई।

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गांव हड़ौदा कलां से आए भातियों ने अपनी बहन के घर पहुंचकर कोई पारंपरिक उपहार नहीं बल्कि एक अनुकरणीय पहल करते हुए प्रत्येक उपस्थित जन को मान-सम्मान के प्रतीक स्वरूप चीकू का पौधा भेंट किया। इस अनूठी पहल की शुरुआत मास्टर सोमवीर भारद्वाज ने की जो राजकीय प्राथमिक विद्यालय भारीवास में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि प्रकृति और पेड़-पौधों के प्रति उनका लगाव बचपन से ही रहा है। लेकिन एक शिक्षक होने के नाते उनका दायित्व बनता है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हम अपने भांजों योगेश कुमार और कपिल देव के लिए जीवन साथी चुनने जा रहे हैं लेकिन यदि गहराई से देखा जाए तो हमारे सच्चे जीवन साथी ये पेड़-पौधे ही हैं। हमारी सांसें, हमारा स्वास्थ्य और हमारा पूरा जीवन इन्हीं पर निर्भर करता है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम न केवल विवाह जैसे शुभ अवसरों पर, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर पर्यावरण संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बनाएं।

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