दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 जून
कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया ने प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने के अलावा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार मुहिम तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। 24 व 25 जून को चंडीगढ़ में हुई बैठक और वन-टू-वन संवाद के दौरान वे कांग्रेसियों की नब्ज और नेताओं की आपसी खींचतान से वाकिफ हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक करने का मन बनाया है।
इतना ही नहीं, लोकसभा क्षेत्रवार पार्टी नेताओं व वर्करों की बैठकें करने की भी प्लानिंग है। जुलाई में इन बैठकों की शुरुआत हो सकती है। कांग्रेस हाईकमान यह तय मानकर चल रहा है कि लोकसभा के साथ हरियाणा में विधानसभा के चुनाव संभव नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस का मुख्य फोकस लोकसभा चुनाव हैं। लोकसभा की सभी दस सीटों के लिए चेहरों के चयन की भी जल्द प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, संगठन बनाने को लेकर भी बाबरिया आने वाले दिनों में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से पार्टी नेतृत्व को भेजी गई प्रदेश कार्यकारिणी, जिला व ब्लाक प्रधानों की संभावित सूची को लेकर भी बाबरिया वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा करेंगे। उनकी कोशिश रहेगी कि सभी की सहमति से संगठन का जल्द से जल्द गठन कर दिया जाए। मौजूदा सूची में संशोधन भी होगा। इसके बाद भी अगर नेता संतुष्ट नहीं होते तो संगठन गठन के काम को होल्ड भी किया जा सकता है।
हालांकि, प्रदेश के अधिकांश वरिष्ठ नेता जल्द संगठन गठन के पक्षधर हैं। बशर्ते उन्हें उनका पूरा शेयर दिया जाए। अधिकांश वरिष्ठ नेता अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में अपने समर्थकों को संगठन में एडजस्ट करवाना चाहते हैं। अब तक संगठन नहीं बनने के पीछे बड़ा कारण यही रहा है। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्zwnj;डा, प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मंत्री किरण चौधरी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव व सांसद दीपेंद्र हुड्zwnj;डा से बाबरिया इन मुद्दों पर नयी दिल्ली में ही संवाद करेंगे।
उनके साथ अगले कुछ दिनों में बैठक करने की उम्मीद है। बैठक में लोकसभा क्षेत्रवार होने वाली बैठकों का खाका तैयार होगा। इन बैठकों के साथ ही संगठन गठन की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। यह भी संभव है कि इन बैठकों के दौरान मिलने वाली फीडबैक व ग्राउंड रिपोर्ट के हिसाब से संगठन में नेताओं को जगह दी जाए। कांग्रेस अंबाला में संभावित लोकसभा के उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाने में जुटी है। हालांकि, अभी अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता कि अंबाला में उपचुनाव होना भी या नहीं। लोकसभा के चुनाव अगर समय पर होते हैं तो उससे पहले अंबाला में उपचुनाव करवाया भी जा सकता है।
नये चेहरों की तलाश
2019 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले नेताओं में से 4 कांग्रेस छोड़ चुके हैं। फरीदाबाद से चुनाव लड़ने वाले अवतार भड़ाना, हिसार से चुनाव लड़ने वाले भव्य बिश्नोई, कुरुक्षेत्र प्रत्याशी रहे चौ. निर्मल सिंह और सिरसा से उम्मीदवार रहे डॉ. अशोक तंवर अब कांग्रेस में नहीं हैं। अशोक तंवर और निर्मल आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। भव्य बिश्नोई भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस को इन चारों सीटों पर नये चेहरों की तलाश करनी होगी। पिछले चुनाव में सोनीपत से विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा और रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा ने चुनाव लड़ा था। इस बार हुड्डा पिता-पुत्र के मैदान में आने की संभावना इसलिए कम है, क्योंकि दीपेंद्र राज्यसभा में हैं और उनका करीब 4 साल का कार्यकाल बचा है। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व पहले की तरह इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वरिष्ठ नेताओं को चुनावी रण में उतारने का मन बना रहा है।