चंडीगढ़, 8 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने प्रदेशभर में उन पंजीकृत परिवारों की वास्तविक आय जांचने के लिए सर्वे कराया है, जिन्होंने परिवार पहचान-पत्र में अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। बीपीएल कैटेगरी के लिए सरकार ने फार्मूला बदल दिया है। अब किसी भी परिवार को इस कैटेगरी में शामिल होने के लिए आवेदन नहीं करना होगा। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले परिवारों में से ही बीपीएल परिवार तय होंगे।
सरकार ने सभी तरह की शर्तों को खत्म करते हुए तय किया है कि राज्य में जिस भी परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार से कम है, वे सभी बीपीएल कहलाएंगे। बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ इन परिवारों को मिलेगा। अभी 62 लाख 62 हजार के करीब परिवार परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इन परिवारों ने खुद ही अपनी सालाना आय पोर्टल पर बताई है।
सरकार ने इन परिवारों द्वारा बताई गई आय का पता लगाने के लिए यह सर्वे कराने का निर्णय लिया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा इसके लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। सरकार के पास इस तरह की शिकायतें पहुंची हैं कि हजारों लोगों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर खुद को बीपीएल कैटेगरी में शामिल करवा लिया है। वर्तमान में राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या साढ़े 8 लाख के लगभग है।
अभी तक बीपीएल कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करता होता था। इसके बाद सर्वे होता था। कई बार जरूरतमंद लोगों के नाम कट जाते थे और अधिक आय वाले लोग इसका लाभ ले जाते थे। इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत भी कई बार सामने आ चुकी है। इसी को देखते हुए अब सरल पोर्टल पर आवेदन सिस्टम को बंद कर दिया गया है। परिवार पहचान-पत्र पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके परिवारों की सर्वे रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है।
यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में कुल पंजीकृत परिवारों के अलावा बीपीएल परिवारों की लिस्ट जारी करेंगे। परिवार पहचान पत्र योजना सीएम मनोहर लाल खट्टर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत वे राज्य के अति गरीब एक लाख परिवारों को चिह्नित कर इसी साल उनकी आय बढ़ाने की योजना की शुरुआत कर सकते हैं।
एनजीओ भी बना रही दबाव
सूत्रों का कहना है कि एक एनजीओ द्वारा भी सरकार पर बीपीएल परिवारों के सर्वे को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। बताते हैं कि इस एनजीओ के पदाधिकारियों ने सरकार को दी रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान बीपीएल सूची में बड़ी संख्या में फर्जी लोग शामिल हैं। हालांकि संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा एनजीओ के दावों को खारिज किया जा चुका है। माना जा रहा है कि ऊपरी ‘सैटिंग’ के चलते यह एनजीओ सर्वे का काम लेने में सफल भी हो सकते हैं।
बीपीएल कैटेगरी में आने के लिए अब किसी को आवेदन करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने परिवार पहचान पत्र पोर्टल के साथ इस योजना को लिंक कर दिया है। 1 लाख 80 हजार रुपये सालाना आय तक के सभी परिवारों को बीपीएल घोषित किया जाएगा।
ओमप्रकाश यादव,समाज कल्याण मंत्री