सोनीपत, 28 फरवरी (निस)
यूक्रेन में फंसे विद्यार्थी भूख-प्यास और बर्फबारी से जूझ रहे हैं। इस दौर से गुजर कर जिले के दो विद्यार्थी सोमवार शाम रोमानिया पहुंच गए। इनमें खरखौदा निवासी सिद्धार्थ सैनी व ठरू उल्देपुर निवासी तन्नु शामिल हैं। उनके रोमानिया पहुंचने की सूचना के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है। उन्हें भूख-प्यास और बर्फबारी के बीच 24 घंटे इंतजार करना पड़ा। खरखौदा निवासी सिद्धार्थ सैनी के परिजनों ने बताया कि उनका बेटा रविवार को ही अपने साथियों के साथ रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गया था, लेकिन किसी को भी बॉर्डर पार करने की अनुमति नहीं दी गईं। माइनस 8 डिग्री तापमान के बीच विद्यार्थियों को खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी। देर रात बर्फबारी के बावजूद विद्यार्थियों के लिए बॉर्डर बंद ही रहा। सभी विद्यार्थी रातभर बर्फबारी, भूखे प्यासे कांपते रहे। 24 घंटे के बाद सोमवार शाम 6 बजे भारतीय दूतावास के सहयोग से विद्यार्थियों को रोमानिया में प्रवेश दिया गया। वहीं, ठरू उल्देपुर निवासी कुलदीप ने बताया कि उनकी भतीजी तन्नु भी फंसी हुई थी। भारतीय दूतावास द्वारा उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की गई। सोमवार सुबह 4 बजे 60 विद्यार्थियों को बस द्वारा रेलवे स्टेशन ले जाया गया। इनमें तन्नु भी शामिल थी।
विदेश मंत्रालय में अभिभावकों से नहीं मिले अधिकारी
विद्यार्थियों के अभिभावक सोमवार को दिल्ली विदेश मंत्रालय पहुंचे और विद्यार्थियों की शीघ्र सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई। अभिभावकों की माने तो अधिकारियों ने उनसे मिलना तक गंवारा नहीं समझा। अभिभावक अरुण कौशिक भारतीय ने बताया कि यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों का खाना भी खत्म हो गया है, उनको किसी तरह की सहायता नहीं दी जा रही। विद्यार्थी मेट्रो स्टेशनों में बंद हैं व भूखे प्यासे हैं। अगर बच्चों की शीघ्र सुरक्षित वापसी का इंतजाम नहीं किया गया तो वो ठंड व भूख का शिकार हो सकते हैं। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के बाहर अभिभावकों ने जब अधिकारियों से मिलने की जिद की व धरना दिया तो अभिभावकों को गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया। अभिभावकों ने इसे लापरवाही बताया।