सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर,1 अगस्त
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किताबें मिलने में देरी का मुद्दा दैनिक ट्रिब्यून द्वारा उठाये जाने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा है कि एडमिशन के दिन ही बच्चों को किताबें मिलें, ऐसे प्रयास किए जाएंगे।
पिछले कई वर्षों से विद्यार्थियों को दो तिहाई सत्र बीत जाने के बाद किताबें मुहैया करवाई जाती रही हैं। इस बार भी जुलाई के अंतिम दिनों में कुछ विषयों की किताबें आनी शुरू हुईं, जबकि नया सत्र अप्रैल से शुरू हो चुका है। बच्चों को दूसरे विद्यार्थियों से किताबें लेकर पढ़ने के लिए कहा जाता रहा। दैनिक ट्रिब्यून ने अपने 25 जुलाई के अंक में इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद हरियाणा सरकार हरकत में आई। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने अधिकारियों की मीटिंग ली और किताबों में देरी के लिए जांच के आदेश दिए। शिक्षा मंत्री ने दैनिक ट्रिब्यून से बातचीत में कहा की इस मामले की जांच करवाई गई है। जो लोग दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसी गलती ना हो, इसके प्रयास किए जाएंगे।
26 जुलाई को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित समाचार ‘नेता-अफसर ठाठ से, बच्चे बैठें टाट पे’ को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है। शिक्षा मंत्री गुर्जर ने बताया कि स्कूलों के लिए बड़ी संख्या में ड्यूल डेस्क खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में ड्यूल डेस्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
एसएमसी को मिलेगा खर्च करने का अधिकार
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के रखरखाव पर खर्च का अधिकार स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों (एसएमसी) काे दिया जाएगा। करनाल व जगाधरी ब्लॉक में इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यहां स्कूलों में सौंदर्यकरण, चारदीवारी, रास्ता, शौचालय, पीने का पानी, ड्यूल डेस्क, कमरे की मरम्मत आदि के कार्यों पर राशि एसएमसी द्वारा खर्च की जा रही है। अगर दोनों ब्लॉक में इस प्रोजेक्ट के अच्छे परिणाम मिले, तो साल के अंत तक यह योजना पूरे प्रदेश में लागू करके एसएमसी को यह अधिकार दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह इसलिए किया गया है, ताकि एसएमसी सलाह-मशवरे से सही जगह, सही तरीके से पैसे खर्च कर सके। एसएमसी को स्थानीय समस्याओं, मुद्दों का पता होता है।