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एक्सटेंशन मिलने के बाद भी नहीं भरे गए अस्थाई स्कूलों के बोर्ड परीक्षा फॉर्म

शिक्षा निदेशालय ने अभी तक नहीं भेजी बोर्ड में सूची

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एक साल की एक्सटेंशन मिलने के 26 दिन बाद भी अस्थाई स्कूल अपने बच्चों के बोर्ड फॉर्म नहीं भर पाए हैं, क्योंकि शिक्षा निदेशालय ने अभी तक इन स्कूलों की सूची शिक्षा बोर्ड भिवानी में नहीं भेजी है। प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से प्रदेश के अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों से एफिलिएशन फीस भरवाकर उनमें पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की मांग की है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि सरकारी व स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के बच्चों के परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 25 नवंबर है, लेकिन अभी तक प्रदेश के अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों की एफिलिएशन फीस बोर्ड ने नहीं भरवाई है जिस कारण से इन स्कूलों का पोर्टल बंद है और ये स्कूल दसवीं व बारहवीं के बच्चों के बोर्ड फॉर्म भरने से अभी तक वंचित हैं। बोर्ड प्रशासन इसके लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा स्कूलों की सूची न भेजने की बात कह रहा है।

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विदित रहे कि 30 अक्तूबर को सरकार ने अस्थाई स्कूलों को एक साल की एक्सटेंशन दे दी थी और शिक्षा विभाग की ओर से लेटर भी जारी कर दिया गया था। इन स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक ढाई लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं अकेले 10वीं व 12वीं के 30 हजार बच्चे इन स्कूलों में अध्ययनरत हैं।

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कुंडू ने कहा कि अस्थाई स्कूलों की मान्यता एक एक साल बढ़ाने की बजाय इन स्कूलों को जमीन की शर्त में छूट देकर स्थाई मान्यता दी जाए ताकि भाजपा का चुनावी वादा भी पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 में विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के बाद अस्थाई स्कूलों को नियमों में सरलीकरण करके एकमुश्त मान्यता दी जाएगी, लेकिन अभी तक यह वादा अधूरा है। प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मांग की है कि जल्द ही इन स्कूलों की सूची बोर्ड में भेजकर एफिलिएशन फीस भरवाई जाए ताकि इनका पोर्टल खुलने के बाद ये स्कूल बच्चों के बोर्ड फॉर्म भर सके।

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