जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 12 अप्रैल
मौसम के अत्याधिक अनुकूल रहने के कारण किसान इस बार गेहूं की बंपर उत्पादन की संभावनाएं देख रहा था। लेकिन गेहूं का नया बीज 303 बीजने वाले किसानों को फसल ने रुलाकर रख दिया है। प्रति एकड़ मात्र 10 से 14 क्विंटल फसल उत्पादन देख नया बीज इस्तेमाल करने वाले किसान माथा पकड़कर रोने को मजबूर हो गये हैं। दरअसल परंपरागत रूप से 1 अप्रैल से गेहूं की शुरू होने वाली सरकारी खरीद बीते रोज से प्रारंभ हो गई थी लेकिन अत्याधिक नमी के कारण सरकारी एजेंसियों को उसकी खरीद में काफी परेशानी आई और नमीयुक्त गेहूं को पेड़ों व सड़कों पर सुखाने के लिए फैलाना पड़ा। किंतु इससे भी बुरी खबर उन किसानों के लिए रही जिन्होंने अच्छी फसल की चाह में इस बार 303 नामक नए गेहूं बीज की बिजाई की थी। जब फसल पक कर कटी और मंडी में लाई गई तो उनके पैरों तले धरती खिसककर रह गई। प्रति एकड़ औसत उत्पादन मात्र 10 से 14 क्विंटल ही निकल पाया। जानकारी के अनुसार इस बार जिला के करीब 400 किसानों ने नए 303 बीज से बिजाई की थी। अब इतने किसानों को भारी नुकसान होने जा रहा है। कृषि अधिकारियों की माने तो इस बार अम्बाला में ब्लूम बलोच नामक एक नई बीमारी ने गेहूं की उक्त किस्म को अपनी चपेट में ले लिया है। इसमें गेहूं की फसल ऊपर से तो अच्छी लगती है लेकिन दाने में जान नहीं है जिसके कारण प्रति एकड़ उत्पादन काफी कम होकर रह गया है। अन्यथा परंपरागत रूप से बीजे जाने वाले बीजों से औसत फसल 20 क्विंटल के आसपास ही निकल रही है। फिलहाल जिला की मंडियों में बीती शाम तक मात्र 60319 क्विंटल गेहूं आवक ही दर्ज की गई जो गत वर्ष इसी समय अवधि में 137616 क्विंटल थी। मार्केट कमेटी अम्बाला शहर के सचिव दलेल सिंह ने बताया कि अभी तक मंडी में 24 हजार क्विंटल गेहूं की आवक दर्ज की जा चुकी है।
“इस बार अम्बाला में प्रयोग किए गए 303 नामक बीज में ब्लूच बलोच नामक नई बीमारी ने फसल को अपनी चपेट में लिया है। इसके चलते उत्पादन कम आंका गया है। बीमारी की वास्तविकता को जानने के लिए गेहूं के नमूने हिसार कृषि विश्वविद्यालय और डीडब्ल्यूआरसेंटी करनाल भेजे गए हैं। जिला के करीब 400 किसानों ने करनाल से लाकर यह बीज इस्तेमाल किया था। फिलहाल विभाग क्रोप कटिंग एक्सपेरिमेंट में लगा है ताकि औसत उपज का पता चल सके।”
-डॉ. जसविंद्र सिंह सैनी, उपनिदेशक कृषि विभाग अम्बाला
पंचकूला में खरीदा 810 मीट्रिक टन गेहूं
पंचकूला (हप्र) : जिला में रबी सीजन 2024-25 के दौरान सरसों व गेहूं की खरीद तथा उठान का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा जिला की मंडियों में अब तक 810 मीट्रिक टन गेहूं और 622 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है और 481 मीट्रिक टन सरसों का अब तक उठान किया जा चुका है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी खरीद एजेंसियों हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा पंचकूला, बरवाला और रायपुररानी स्थित अनाज मंडियों में गेहूं व सरसों की खरीद की जा रही है ।
भाजपा सरकार किसानों पर ही हमलावर क्यों : वरुण
अम्बाला (हप्र) : विधायक वरुण चौधरी ने आज बराड़ा अनाज मंडी का दौरा कर किसानों, आढ़तियों व मजदूरों के मुलाकात कर गेहूं ख़रीद में आ रही समस्याओं को जाना। विधायक ने कहा कि मौजूदा सरकार के शासनकाल में किसानों, आढ़तियों व मजदूरों को हमेशा परेशान किया गया है। उन्होंने कहा कि आज जब गेहूं पक कर तैयार है और किसान उसे मंडी में लेकर आ रहा है तो सरकारी एजेंसियां नमी का बहाना बनाकर उसकी खरीद करने में गुरेज कर रही हैं। पहले तो खरीद सही से नहीं होती और बाद में किसानों की फसल का भुगतान भी समय से नहीं होता है।