खाद की कमी की आड़ में बढ़ रही कालाबाजारी : दीपेंद्र हुड्डा
किसानों, उनके परिवार की महिलाओं व बच्चों तक को रात-रात भर लंबी-लंबी कतारों में कई दिन का इंतजार करना पड़ता है, फिर भी जरूरत भर का डीएपी व यूरिया खाद नहीं मिल रहा। रोहतक सांसद ने कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा सरकार होने के बावजूद किसान खाद के लिए तरस रहे हैं। कहीं थानों में खाद बंटवाई जा रही है तो कहीं ब्लैक मार्केट में खाद के कट्टों का अंबार सामने आ रहा है, जो किसान को महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान खरीफ की फसल बुआई करे या खाद केंद्रों पर कई-कई दिन लाइन में लगे। महिलाओं को चौका-चूल्हा छोड़कर तो बच्चों को अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़कर खाद के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। सरकारी केंद्रों पर खाद किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद नहीं मिल रही है। ऐसे में उन्हें आशंका है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन कालाबाजारी करने वालों को शह दे रहा है।